सार
अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन ने ही मथुरा की सिविल जज की अदालत में पहला वाद दायर किया था, जिसे न्यायालय ने 30 सितंबर 2020 को खारिज कर दिया था। इसी के बाद उन्होंने श्रीकृष्ण विराजमान के वाद को याचिकाकर्ताओ ने बतौर रिवीजन पिटीशन जिला जज की अदालत में दायर किया था।
मथुरा: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के बाद से मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है। मथुरा के जिला जज की अदालत में अहम सुनवाई आज यानी गुरुवार को होनी है। कोर्ट आज श्रीकृष्ण विराजमान मामले में हरिशंकर जैन की याचिका पर फैसला आ सकता है। जिला जज की अदालत रिवीजन पिटीशन पर फैसला सुना सकता है। अदालत अगर इस बात पर अपनी सहमति जताती है कि याचिकाकर्ता हरिशंकर जैन, विष्णु जैन और रंजना अग्निहोत्री के वाद को स्वीकार किया जाता है तो आज का दिन श्रीकृष्ण जन्मभूमि व शाही ईदगाह मामले में अहम होगा।
साल 2020 से चल रही है लंबी बहस
दरअसल राम जन्मभूमि मामले में भगवान राम को टेंट से निकालकर भव्य मंदिर तक पुहंचाने में मुख्य भूमिका निभाने वाले अधिवक्ता हरिशंकर जैन और उनके बेटे विष्णु जैन ने ही मथुरा की सिविल जज की अदालत में पहला वाद दायर किया था। जिसे कोर्ट ने 30 सितंबर 2020 को खारिज कर दिया था। इसी के बाद श्रीकृष्ण विराजमान के वाद को याचिकाकर्ताओं ने बतौर रिवीजन पिटीशन जिला जज की अदालत में दायर किया था। 2020 से चल रही लंबी बहस के बाद गुरुवार को जिला जज की अदालत फैसला सुना सकता है। जिसके बाद इतने समय से चल रही बहस की सुनवाई पूरी हो जाएगी।
कोर्ट में हरिशंकर की तरफ से खंडेलवाल होंगे पेश
अधिवक्ता हरिशंकर जैन व उनके बेटे विष्णु जैन मथुरा की अदालत में मौजूद रहेंगे या नहीं इसके बारे में सस्पेंस बना हुआ है क्योंकि वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे की लड़ाई भी हरिशकंर जैन व विष्णु जैन लड़ रहे है। इस मामले में भी आज की तारीख पड़ी हुई है। इसलिए हरिशंकर जैन ने मथुरा बार के अधिवक्ता व सिविल मामलों के अच्छे जानकार अधिवक्ता गोपाल खंडेलवाल को नामित किया है। इसके लिए उन्होंने अदालत में वकालतनामा भी कोर्ट में दाखिल कर दिया है। अधिवक्ता गोपाल खंडेलवाल ने बताया कि आज अदालत के समक्ष इसी मुद्दे पर कुछ लीगल पॉइंट्स पर बहस करना है। आगे कहते है कि यदि विपक्षी पक्षकार को उस पर आपति है तो वह तारीख ले सकते है।
जानिए क्या था पूरा मामला
आपको बता दें कि हरिशंकर जैन ने कोर्ट सिविल जज सीनियर डिवीजन में श्री कृष्ण विराजमान के नाम से एक वाद दायर किया था। जिसमें श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13. 37 एकड़ भूमि पर शाही ईदगाह बनी हुई है। श्रीकृष्ण जन्मभूमि के जमीन को वापस दिलाने की मांग है। यह वाद 30 सितंबर 2020 को सीनियर सिविल जज की कोर्ट ने खारिज किया था। जिसके बाद हरिशंकर ने जिला न्यायालय में रिवीजन पिटीशन दाखिल की थी। जिसके बाद अदालत ने चार विपक्षी पक्षकारों को नोटिस भी जारी किए थे। कोर्ट में लंबी सुनवाई के बाद गुरुवार को जिला जज इस बात का फैसला देंगे कि नहीं इस पर सुनवाई के बाद ही पता चलेगा।
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