सार
यूपी के गोरखपुर जिले में थाना के दरोगा और सिपाही को 25 हजार की वसूली मांगना इतना भारी पड़ जाएगा, उन्होंने खुद नहीं सोचा होगा। सीएम योगी के निर्देश के बाद विभागीय अफसरों की कार्यशैली पर खासा नजर बनाई जा रही है।
रजत भट्ट
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देश पर विभागीय अफसरों (Administrative Officer) की कार्यशैली पर खास नजर रखी जा रही है। जनसेवा से जुड़े किसी मामले में जिम्मेदारी न निभाने वाले अफसरों पर कार्रवाई भी तेज कर दी गई है। इसी से जुड़ा एक मामला यूपी के गोरखपुर (Gorakhpur) से सामने आया। जहां गोरखपुर मे पिपराइच थाना के दरोगा और सिपाही को 25 हजार की वसूली मांगना भारी पड़ गया। मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी विपिन ताडा ने मंगलवार को पिपराइच थाना के दरोगा अतुल कुमार सिंह और सिपाही अकाश कुमार सिंह को सस्पेंड कर दिया।
दरोगा और सिपाही ने पीड़ित पर मुकदमा दर्ज कर मांगी थी रकम
दरअसल पूरा मामला पिपराइच के ग्राम मौलाखोर निवासी शशि कुमार का है। जहां 25 जून को गांव के कुछ लोगों ने उनके घर वालों से मारपीट की। तभी पीड़ित के पिता विपिन कुमार ने 112 पर डायल कर पुलिस को इसकी सूचना दी थी। मौके पर आई पुलिस दोनों पक्षों को थाने ले गई, जहां पर दरोगा अतुल कुमार सिंह ने पीड़ित के ही परिवार पर मुकदमा दर्ज कर दिया। फिर 25 हजार की मांग की। पीड़ित का आरोप है कि पैसे ना मिलने पर गंभीर धाराओं में पीड़ित को फंसाने की बात कही थी। किसी तरह पीड़ित ने 25 हजार इंतजाम करके तो दिए। लेकिन पिता का शांति भंग में चालान कर दिया गया।
एसएसपी की जांच में दरोगा और सिपाही पाए गए दोषी
इस पूरे घटनाक्रम की सूचना शशी कुमार नाम के व्यक्ति ने एसएसपी को ट्वीट करके दी। शशि ने अपने ट्वीट में बताया कि इस पूरे घटनाक्रम के दौरान दरोगा के साथ सिपाही आकाश कुमार सिंह भी शामिल रहा। मामले की जानकारी मिलते ही एसएसपी डॉ विपिन ताडा ने इस पूरी घटना की जांच कराई। जांच में सिपाही और दरोगा दोषी पाए गए। जिसके बाद मंगलवार को दरोगा व सिपाही को निलंबित कर दिया गया। साथ ही साथ पीड़ित की तहरीर पर दोनों सिपाही और दरोगा पर केस भी दर्ज कराया गया।