सार

यूपी के कानपुर में तीन मजदूरों की टैंक में उतरने से मौत हो गई। उनकी मौत के बाद परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर हंगामा शुरु कर दिया। पुलिस और मृतक के परिवार के बीच में हाथापाई भी हो गई। मृतक के घरवाले मुआवजे की मांग कर रहे थे।

कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में कर्रही के मालवीय नगर में बीते रविवार सुबह एक निर्माणाधीन मकान के सोख्ता टैंक में जहरीली गैस से तीन मजदूरों की मौत हो गई। उनकी मौत के बाद मजदूरों के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। यहां तक की परिजनों की पुलिस से हाथापाई भी हो गई। इस हादसे में ठेकेदार भी जहरीली गैस की चपेट में आ गया था। इस दौरान उसका इलाज भी करवाया गया है। इलाज होने के पुलिस के उसको हिरासत में ले लिया था। वहीं पुलिस मकान मालिक को तलाश कर रही है। मृतक के परिजन इन दोनों पर कार्रवाई करने के अलावा मुआवजे की भी मांग कर रहे थे। 

परिवार कर रहा मुआवजे की मांग
वहीं एडीसीपी साउथ ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रशासन को पीड़ित परिवार की मांगों से अवगत कराया गया है। बता दें कि इस हादसे के बाद अमित कुमार व अंकित पाल के शव अस्पताल से सीधे मोर्चरी भेज दिए गए थे। बताया जा रहा था कि अमित जहानाबाद व अंकित कठोंगर बिधनू का रहने वाला था। बिधनू के धरहर निवासी शिवा के भाई मोनू, अरुण, विष्णु समेत दर्जनों लोग मौके पर पहुंच गए और परिवार मृतक का शव लेकर घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद सड़क पर शव रखकर प्रदर्शन करने लगे। मामले की जानकारी मिलने पर एडीसीपी साउथ अंकिता शर्मा, एसीपी गोविंद नगर विकास पांडेय समेत आठ थानों का फोर्स मौके पर पहुंची। पुलिस के काफी समझाने के बाद भी परिजन मृतक का शव उठाने के लिए राजी नहीं हो रहे थे।

पुलिस और परिजनों के बीच हुई झड़प
इसके बाद पुलिस ने शव को जबरन टेंपो में लादकर भेजने का प्रयास किया। जिस पर भीड़ भड़क गई। इसके बाद घटनास्थल पर पहले गाली-गलौज हुई और फिर पुलिस से हाथापाई हो गई। टेंपो में शव भेजने के दौरान एक शख्स वाहन के आगे लेट गया और दो लोगों ने मिलकर टायर की हवा निकालने का भी प्रयास किया। इस घटना से नाराज एसीपी गोविंद नगर विकास कुमार पांडेय ने हवा निकाल रहे शख्स को दो तीन थप्पड़ मार दिया। इस बात से नाराज भीड़ ने जबरदस्ती शव को टेंपो से नीचे उतारकर शव को सड़क पर रख हंगामा शुरूकर दिया। यह हादसा करीब सुबह नौ बजे हुआ था। वहीं 11 बजे तक परिजन भी मौके पर पहुंच गए थे। घटनास्थल की फारेंसिक जांच भी कराने के बाद पुलिस ने शव को मोर्चरी भेजने की बात कही।

पुलिस अधिकारियों ने संभाला मामला
इसके बाद शिवा के परिजनों ने उसके शव को उठाने से इंकार कर दिया। परिजनों का कहना था कि जब तक मकान मालिक व ठेकेदार गिरफ्तार नहीं होते और मुआवजा नहीं मिलता तब तक शव को नहीं उठाया जाएगा। बातचीत के बाद भी परिजन नहीं माने तो दोपहर एक बजे के बाद हालात बिगड़ गए। एडीसीपी साउथ व अन्य अफसरों ने किसी तरह से मामला संभाला। बताया जा रहा है कि टैंक नया बना था। उसका इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा था। इस हादसे की जानकारी जिसे हुई वह हैरान रह गया। इससे पहले ऐसी घटना कभी नहीं हुई कि नए टैंक में जहरीली गैस बन जाए और इससे किसी की जान चली जाए। वहीं पुलिस मामले की जांच कर रही है कि मकान निर्माण कराने में मानकों पूरा किया गया था या नहीं। 


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