सार

यूपी के जिले लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया के कार्यकाल का अंतिम सदन शुरू हो गया है। नगर निगम सदन में सत्ता पक्ष बीजेपी और विपक्षी दलों ने एक दूसरे को घेरने की तैयारी की है। सपा विधायक रविदास ने सरकार की नीतियों को लेकर निशाना साधा है। 

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के जिले लखनऊ में मेयर संयुक्ता भाटिया के कार्यकाल का अंतिम सदन गुरुवार को शुरू हो गया है। सदन की शुरुआत ही हंगामेदार रही और सत्ता पक्ष बीजेपी व विपक्षी दलों ने एक दूसरे को घेरने की तैयारी की है। बैठक में काफी देर तक हंगामा होता रहा। सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने यूपी सरकार और नगर निगम को उनकी नीतियों को लेकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने कहा कि गुजरात की तीन कंपनियों को हर साल यहां से 15 करोड़ रुपए दिया जा रहा है और काम सिर्फ कागजों में हो रहा है। उनकी बात के बीच में ही भाजपा पार्षद हंगामा करने लगे और देखते ही देखते दोनों तरफ से तेज आवाज शुरू हो गई।

गुजरात की कंपनियों को दिया जा रहा नगर निगम बॉन्ड का पैसा
दोनों पार्षदों के बीच बात इतनी बढ़ गई कि कुछ देर के लिए सदन की कार्रवाई को बंद करना पड़ा। नगर निगम सदन की कार्रवाई जब एक बार फिर शुरू हुई तो एक बार फिर बीजेपी पार्षद राम कृष्ण यादव ने मुद्दा उठा दिया कि विधायक ने आरोप लगाया है कि नगर निगम बॉन्ड का पैसा गुजरात की तीन कंपनियों को दिया जा रहा है। इस वजह से इसकी सच्चाई सदन में बताना बेहद जरूरी है। अगर नगर निगम पर आरोप साबित नहीं होता है तो उनको मांफी मांगनी पड़ेगी।

बीजेपी सरकार में नहीं हो रहा काम तो शर्म से डूब मरो
दूसरी ओर कांग्रेस पार्षद ममता और दिलीप श्रीवास्तव में भी बहस हो गई। 25 फीसदी कर्मचारियों की दोबारा नियुक्ति पर ममता कहा सरकार बीजेपी की है। सब कुछ तुम्हारा फिर भी काम नहीं हो रहा तो शर्म से डूब मरो। दिलीप ने पलटवार करते हुए जवाब दिया कि आप सोनिया और राहुल जी से पूछो। ममता ने फिर कहा कि राहुल सरकार नहीं है। योगी से बोल कर करा लो। राहुल सरकार नहीं है। इसी बीच सपा पार्षद दल के नेता यावर हुसैर रेशू कहते है कि जनता का पैसा बर्बाद किया गया है। जनता का पैसा बर्बाद कराना अगर सीखना है तो कोई बीजेपी से सीखे। वह आगे कहते है कि पूरी तरह से जनता का पैसा बर्बाद किया गया है। इस दौरान बीजेपी के पार्षद लगातार सदन में रविदास मेहरोत्रा को बुलाकर उनसे माफी मंगवाने की अपील करते रहे। करीब 15 मिनट तक एक दूसरे पर दोनों ही दल के लोग एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे।

कर्मचारियों की कमी से कई काम हो रहे है प्रभावित
दरअसल नगर निगम में पिछले दिनों 25 फीसदी सफाई कर्मचारियों को काम से निकाल दिया गया था। उनको दोबारा रखने को लेकर पहली बार सत्ता और विपक्षी दल दोनों के पार्षदों में सहमती दिखी। सभी ने मेयर  से मांग की हर एक कर्मचारियों को दोबारा रखा जाए। उनकी कमी की वजह से फॉगिंग से लेकर सफाई और बाकी के काम प्रभावित हो रहे है। दूसरी ओर बॉन्ड को लेकर मेयर संयुक्ता भाटिया ने सफाई दी कि इसको लेकर नगर निगम लखनऊ गुरुवार को ही इनाम मिला है। तो समाजवादी पार्टी पार्षद राजकुमार सिंह राजा और यावर हुसैन रेशू का कहना है कि हर महीने 15 करोड़ का जब ब्याज जा रहा है तो लाभ जो भी होगा पर उससे पहले ही उतना ब्याज दे चुके होंगे। इस बात पर भी दोनों दल आपस में भिड़ गए।

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