सार

यूपी के मथुरा में जिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति डेढ़ साल और उसका दोस्त 9 महीने से जेल की सजा काट रहा था। वह महिला अपने दूसरे पति के साथ राजस्थान के दौसा के विशाला गांव में रह रही थी। पहले पति और उसके दोस्त ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

मथुरा: उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में जिस पत्नी की हत्या के आरोप में पति डेढ़ साल और उसका दोस्त गोपाल नौ महीने से जेल में सजा काट रहे थे। वह महिला दौसा (राजस्थान) के विशाला गांव में जिंदा मिली। मथुरा जिले की स्वाट टीम ने महिला को पकड़ लिया है। वहीं अब पुलिस जालौन निवासी महिला आरती के पिता सूरज प्रसाद गुप्ता को तलाश कर रही है। साल 2015 में वह वृंदावन के श्रीकृष्ण धर्मशाला गोशाला नगर अटल्ला चुंगी में किराए पर रहते थे। सूरज प्रसाद की बेटी आरती सितंबर 2015 में संदिग्ध तरीके से लापता हो गई थी। जिसके बाद आरती के पिता ने वृंदावन कोतवाली में सोनू सैनी, भगवान सिंह और अरविंद पाठक के खिलाफ हत्या कर शव को छिपाने की नियत से फेंकने का आरोप लगाया था। 

महिला का कराया जाएगा DNA टेस्ट
जिसके बाद पुलिस ने सोनू और गोपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं जमानत पर बाहर आने के बाद आरती का पति सोनू अपने दोस्त गोपाल के साथ मिलकर पत्नी को तलाश करता रहा। इस दौरान उसे एक दिन सफलता मिल गई। सोनू औऱ गोपाल को आरती मेहंदीपुर बालाजी के विशाला गांव में मिल गई। बताया जा रहा है कि पिछले सात साल से आरती यहां पर अपने दूसरे पति के साथ रह रही थी। वहीं मृतक महिला के जिंदा होने की सूचना पर स्वाट टीम प्रभारी अजय कौशल और वृंदावन कोतवाल विजय कुमार सिंह विशाला गांव पहुंच गए। मामले पर पूछताछ किए जाने के बाद पुलिस ने महिला को हिरासत में ले लिया और वृंदावन लेकर आ गई। पुलिस आज महिला को कोर्ट के सामने पेश करेगी। इसके बाद उसका डीएनए टेस्ट कराया जाएगा।

पति ने दोस्त मिल सुलझाई गुत्थी
सोनू ने बताया कि उसके दोस्त गोपाल की विशाला गांव के युवक से मुलाकात हुई। इस दौरान युवक ने गोपाल को बताया कि उसके गांव में रेबारी समाज के एक घर में कुछ साल पहले यूपी के जालौन की युवती शादी करके आई थी। तब से वहीं रह रही है। जब ये बातें सोनू को पता चलीं तो उसने युवक को स्वच्छ भारत मिशन का कर्मचारी बताकर आरती के घर भेजा। सरकारी योजना के तहत शौचालय बनाने और पैसा देने की बात पर वह लोग लालच में आ गए। इसके बाद योजना के तहत सभी के दस्तावेज मांगे गए। जब सोनू और गोपाल ने सारे दस्तावेज देखे तो उन्हें पूरा मामला समझ आ गया। महिला के पहले पति सोनू ने बताया कि दौसा के बालाजी कस्बे में समाधि गली के पास एक दुकान पर वह काम करता था।

साल 2019 में हुई थी लापता
बता दें कि साल 2015 में आरती अपने पिता के साथ जन्माष्टमी के दूसरे दिन बालाजी दर्शन करने के लिए आई थी। इस दौरान उसकी और आरती की मुलाकात हुए। इसके बाद दोनों के बीच बातें होने लगीं। इसके बाद आरती ने प्रेम का इजहार शादी की इच्छा जताई तो सोनू और आरती ने सितंबर 2015 को शादी की। जब सोनू आरती को अपने गांव लेकर पहुंचा तो आरती ने उससे जायदाद अपने नाम करने, चौपहिया वाहन और पचास हजार रुपये की मांग की। सोनू द्वारा इंकार करने पर वह 8 दिन बाद लापता हो गई। जिसके बाद आरती के पिता ने उसके खिलाफ हत्या का केस दर्ज करा दिया। वहीं आरती के लापता होने के 4 दिन बाद मथुरा के मगोर्रा क्षेत्र में एक 35 वर्षीय अज्ञात महिला का शव मिला। शव की शिनाख्त आरती के पिता ने अपनी बेटी के रूप में की। 

पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप
वहीं पुलिस ने सोनू और गोपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। महिला आरती ने पूछताछ के दौरान बताया उसे सोनू पसंद नहीं था, इसीलिए उसने दूसरी शादी कर ली। वहीं पिता ने किस आधार पर हत्या का केस दर्ज कराया। इस पर महिला ने कोई जवाब नहीं दिया। पुलिस अब आरती के पिता को तलाश कर रही है। डेढ़ साल सजा काटने वाले सोनू और 9 महीने सजा काटने वाले गोपाल ने कहा कि उन्हें बेवजह फंसाया गया है। उनकी मांग है कि इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। आरोप है कि बिना मामले की गंभीरता से जांच किए उन्हें दोषी बना दिया गया। साथ सोनू और गोपाल ने मथुरा पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर के भी आरोप लगाए हैं।  वृंदावन कोतवाली पुलिस और एसओजी टीम द्वारा एनकाउंटर की धमकी दिए जाने पर दोनों ने डरकर जुर्म स्वीकार किया था।

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