सार
मैनपुरी उपचुनाव से पहले मौलाना शाहबुद्दीन रजवी बरेलवी ने शिवपाल यादव को नसीहत दी। उन्होंने कहा कि शिवपाल यादव को डिंपल का समर्थन नहीं करना चाहिए। 2024 के चुनाव में भी उनका वही पुराना हाल होगा।
बरेली: मैनपुरी लोकसभासीट पर उपचुनाव को लेकर लगातार तैयारी जारी है। समाजवादी पार्टी ने डिंपल यादव को टिकट दिया है। सपा मुखिया अखिलेश यादव से नाराज चल रहे शिवपाल यादव के डिंपल को समर्थन के बाद जीत का रास्ता साफ दिखाई दे रहा है। इसे लेकर आल इंडिया मुस्लिम जमात ने बड़ा बयान दिया है। यह बयान आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी के द्वारा दिया गया है और इसके जरिए शिवपाल यादव को नसीहत देने का भी प्रयास किया गया है।
'सपा के लोगों ने किया शिवपाल का अपमान'
मौलाना रजवी की ओऱ से कहा गया कि शिवपाल यादव यूपी के कद्दावर नेता हैं। वह पहले भी अपने भाई मुलायम सिंह यादव के कामों को आगे बढ़ाते रहे हैं। उनकी मंशा और मर्जी के अनुसार ही उनके द्वारा काम भी किया है। हालांकि बीते कुछ सालों में भतीजे अखिलेश यादव से उनके काम करने के तौर तरीकों को लेकर विवाद चल रहा है। मौलाना ने कहा कि मुसलमान दोनों ही नेता यानी कि मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव को अपना हितैषी मानते हैं। हालांकि अखिलेश यादव के साथ ऐसा नहीं है। शिवपाल यादव को मैनपुरी उपचुनाव में डिंपल यादव का समर्थन नहीं करना चाहिए। इसके पीछे मौलाना रजवी ने तर्क दिया कि सपा के लोगों ने शिवपाल यादव का बहुत अपमान किया है। इस अपमान का बदला लेने का यही सही वक्त है।
'2024 चुनाव में भी कूड़ेदान में जाएगी शिवपाल की लिस्ट'
आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना रजवी ने कहा कि शिवपाल यादव के पास अपने समर्थकों के साथ अलग रास्ता इख्तयार करने का यह सही समय था। वह अपनी ताकत और कुव्वत का मुजाहिरा करते। लेकिन उन्होंने इस समय पर बड़ी सियासी गलती कर दी है। इस गलती का परिणाम उन्हें 2024 के चुनाव में भी भुगतना पड़ेगा। उस दौरान जब शिवपाल अपने समर्थकों के लिए लोकसभा का टिकट मांग रहे होंगे तो अखिलेश यादव उनकी लिस्ट को कूड़ेदान में डाल देंगे। उन्होंने कहा कि अखिलेश के मुकाबले आज भी काफी ज्यादा मुसलमान शिवपाल यादव को पसंद करते हैं। पूर्व में सपा सरकार में भी मुसलमान अपने मामलों को लेकर अखिलेश यादव के घर जाने के बजाए शिवपाल यादव के घर जाया करते थे। वह मुसलमानों को इज्जत देते थे और सम्मानपूर्वक उनकी समस्याओं का समाधान भी करते थे।