सार

यूपी के नोएडा में एक युवक को चरस-गांजे के मामले में फंसा कर उसे पीटने और रिश्वत लेने के आरोप में पुलिस कमिश्नर ने चौकी प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। घटना का वीडियो वायरल होने के बाद मामला संज्ञान में आया था।

नोएडा: उत्तर प्रदेश के नोएडा जिले में एक बार फिर वर्दी शर्मशार हुई है। वर्दी का रुतबा और रौब दिखाते हुए कुछ पुलिसकर्मी लोगों का शोषण करते हुए अक्सर नजर आते हैं। ऐसा ही एक मामला नोएडा में भी देखने को मिला है। जहां पर तीन पुलिसकर्मियों पर एक युवक को गांजा तस्करी के मामले में फंसाने का आरोप लगा है। सिर्फ इतना ही नहीं एक सिपाही उस युवक से पैसे लेते हुए भी दिखाई पड़ रहा है। जिसके बाद मामले पर संज्ञान लेते हुए पुलिस कमिश्नर आलोक सिंह ने कोतवाली सेक्टर 57 के चौकी इंचार्ज समेत तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। 

पीड़ित को चरस-गांजे के मामले में फंसा कर लिए थे पैसे
बिसनपुरा गांव निवासी नारायण तिवारी ने डीसीपी से शिकायत करते हुए कहा था कि बीते 14 सितंबर को पुलिस की जिप्सी में सवार होकर तीन पुलिसकर्मी उनके पास आए थे। इनमें से एक सिपाही का नाम अंकित बालियान था। युवक का आरोप है कि तीनों पुलिसकर्मी उसे कोतवाली सेक्टर 58 की चौकी 57 पर ले गए। चौकी पर ले जाने के बाद सिपाही उसे गांजा और चरस के मामले में फंसाने की धमकी देते हुए नारायण तिवारी की पिटाई कर दी।  नारायण तिवारी ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोतवाली सेक्टर 57 के चौकी प्रभारी ने भी उनको पीटते हुए उसे धमकी दी कि गांजा-चरस का मामला काफी बड़ा है। इस मामले से बचने के लिए 50 हजार रुपए लेकर आना वरना 5 साल के लिए जेल की सजा मिलेगी। 

चौकी प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मियों को किया सस्पेंड
इसके बाद कोतवाली सेक्टर-58 थाने ले जाकर वहां भी पीड़ित की पिटाई की। इस मामले के बाद पीड़ित ने किसी तरह से 20 हजार रुपए का जुगाड़ कर पुलिसकर्मी को दिए थे। पैसे देने के दौरान किसी ने मामले का वीडियो इसे वायरल कर दिया था। वहीं वायरल वीडियो के आधार पर पर कार्रवाई करते हुए सेक्टर 57 के चौकी प्रभारी लोकेश शर्मा, हेड कॉन्स्टेबल राजकुमार त्यागी, कांस्टेबल अंकित बालियान और सोनू कुमार को निलंबित कर दिया गया। पुलिस की वर्दी में पैसे लेने के आरोप में सिपाही सोनू कुमार के खिलाफ केस दर्ज कर हिरासत में ले लिया गया। एडिशनल डीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि जांच में सामने आया है कि पीड़ित को छोड़ने के लिए 20,000 रुपए लिए गए थे। 

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