सार
ट्विन टावर में विस्फोटक लगा दिया है। इतना ही नहीं फाइनल चेकअप भी विस्फोट से पहले किया जाएगा। ट्विन टावर को ढहाने में कुल 12 सेकेंड लगेंगे। जिसमें से पांच सेकेंड टॉवर में विस्फोट होगा। साथ ही 7 सेकेंड में बारूद जलकर टॉवर को मलबा बनाकर ढहा देगी।
नोएडा: दिल्ली पास स्थिति नोएडा का रविवार 28 अगस्त को भ्रष्टाचार से बने ट्विन टावर को जमींदोज कर दिया जाएगा। कुछ घंटों बाद बरसों से खड़ी गगनचुंबी इमारतें मलबे के ढेर में तब्दील हो जाएगी लेकिन उसके लिए एपेक्स और सियान टावर को इलेक्ट्रिक डोनेटर से दोपहर 12:30 बजे आपस में कनेक्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद 2:30 बजे एक ही बटन दबाकर दोनों टॉवरों को विस्फोट से उड़ा दिया जाएगा। ट्विन टॉवर को ढहाने में कुल 12 सेकेंड लगेंगे। इसमें पांच सेकेंड टॉवर में विस्फोट होंगे और सात सेकेंड में बारूद जलकर टॉवर को मलबा बनाकर ढहा देगी।
विस्फोट के लिए चेन्नई से आया ये सामान
इसकी जानकारी टावर को ध्वंस करने वाली इंजीनियर ने दी है। उनके अनुसार इंजीनियरों की टीम ने विस्फोटक लगा दिया है पर फाइनल चेकअप विस्फोट से पहले किया जाएगा। इसके लिए सुबह से ही इंजीनियरों की टीम जुट गई है। टावर में बिछाई गई वायरिंग को चेक कर रही हैं। साथ ही चेन्नई से आया रिमोट कंट्रोल सिस्टम फिट किया जाएगा। वाइब्रेशन मॉनिटरिंग सिस्टम भी चेन्नई से लाया गया है, जो धमाके के दौरान होने वाले वाइब्रेशन को नापेगा। इसको बगल के टॉवर में लगाया जाएगा। इसके साथ ही पावर जेनरेट करने वाला बॉक्स भी लगेगा।
प्रदूषण कंट्रोल के लिए लगेगी ये खास मशीनें
वहीं दूसरी ओर पॉल्यूशन बोर्ड के क्षेत्राधिकारी प्रवीण कुमार ने दावा किया है कि 24 घंटे प्रदूषण को मॉनिटर किया जाएगा। जिसके लिए छह पॉल्यूशन मॉनिटरिंग मशीन लगा दी गई हैं क्योंकि दोनों इमारतों के ध्वस्त होने के बाद करीब 30 मिनट तक धूल को सतह पर बैठने में लगेगा। वॉटर स्प्रिंक्लिंग, मैनुअल स्वीपिंग, एंटी स्मॉग गन से धूल को कंट्रोल किया जाए। इसके अलावा इसके लिए एंटी स्मॉग गन लगाई गई हैं। करीब 200 लोगों का स्टाफ पॉल्यूशन कंट्रोल के लिए तैनात किया गया है।
दस से जीरो तक का होगा काउंट डाउन
एपेक्स और सियान टावर को 28 अगस्त रविवार को ढाई बजे ही गिराए जाएंगे। इसको लेकर सभी विभागों से क्लियरेंस मिल गई है। इमारतों को गिराने के लिए डिमोलिशन और एडिफिस कंपनी को हरी झंडी दे दी गई है। डिमोलिशन से पहले इसे फाइनल ट्रिगर बाक्स से कनेक्ट किया जाएगा। स्ट्रक्चरल ऑडिट रिपोर्ट के आधार पर ही एक्स्टर-1 और 2 के पिलर, बीम और कॉलम को मिलाकर 57 प्वांइट पर काम पूरा कर लिया गया। इतना ही नहीं 10 से 0 तक के काउंडाउन के बाद ब्लास्ट किया जाएगा।
शॉर्ट एक्सप्लोडर हवा की विपरीत दिशा में होगा
बिल्डिगों को ध्वस्त करने वाली कंपनी के मालिक के अनुसार ट्विन टावर में ब्लास्ट की निगरानी के लिए जहां कंट्रोल रूम बनाया है वहीं उससे अलग टावर से 100 मीटर की दूरी पर ‘शार्ट एक्सप्लोडर’ (ब्लास्टिंग एक्सप्लोडर) भी बनेगा। इससे एक ट्यूब टॉवर से कनेक्ट होगी। एक्सप्लोडर से एक्सपर्ट के बटन दबाते ही टॉवर के एक कॉलम में शॉर्ट होगा। फिर इसी शॉर्ट से इमारते में फैली वायरिंग-डेटोनेटर के जरिए हर कॉलम में विस्फोट शुरू होगा। बटन दबात ही दोनों टावर 12 सेकेंड में जमींदोज हो जाएंगे। इमारतों से हवा की विपरीत दिशा में शॉर्ट एक्सप्लोडर बनाया जाएगा।