सार
जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। यह एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। 2024 तक एयरपोर्ट के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य है।
नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुवार को उत्तर प्रदेश को एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट का तोहफा देने वाले हैं। वह दोपहर एक बजे यूपी के गौतम बुद्ध नगर के जेवर में नोएडा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (Noida International Airport) की आधारशिला रखेंगे। यह दिल्ली-एनसीआर में दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट होगा। इसके बन जाने से इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Indira Gandhi International Airport) का दबाव कम हो जाएगा।
जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। यह एशिया का सबसे बड़ा हवाई अड्डा होगा। 2024 तक एयरपोर्ट के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य है। पहले चरण के विकास में 10,050 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। फर्स्ट फेज में यहां दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं। जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में करीब 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां एक साथ करीब 175 विमान खड़े हो सकेंगे। निर्माण कार्य चार चरणों में होगा।
एक लाख से अधिक लोगों को मिलेगा रोजगार
इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास करीब 100 अन्य इंडस्ट्री, मेडिकल इंस्टीट्यूट, होटल-शॉपिंग मॉल और कन्वेंशन सेंटर बनाने की भी योजना है। इससे करीब एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। इससे कारोबारी सहित किसानों के भी दिन बहुरेंगे। जेवर एयरपोर्ट के करीब 69 फर्मों को लगभग 146 हेक्टेयर औद्योगिक जमीन दी गई है। बुलंदशहर के खुर्जा के पॉटरी उद्योग, अलीगढ़ के ताला, मेरठ के कैंची और स्पोर्ट्स, मुरादाबाद के पीतल उद्योग, मुजफ्फरनगर के गुड़-खांडसारी और सहारनपुर के काष्ठ कला कारोबार को पंख लगेंगे। देश ही नहीं विदेशों से भी कारोबारी यहां आवागमन की सुविधा होने पर आसानी से आ-जा सकेंगे।
2030 तक लेगा अंतरराष्ट्रीय आकार
जेवर एयरपोर्ट पर पहले साल करीब 40 लाख यात्रियों की आवाजाही रहेगी। 2025-26 में यात्रियों की संख्या 70 लाख तक हो सकती है। साल-दर-साल संख्या दोगुने के हिसाब से बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। 2044 तक यात्रियों की संख्या करीब 8 करोड़ होने की उम्मीद है।
जेवर एयरपोर्ट से 8 डोमेस्टिक और 1 इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू की जाएंगीं। दिल्ली एयरपोर्ट की क्षमता पूरी होते ही यहां से 27-27 डोमेस्टिक-इंटरनेशनल फ्लाइट्स उड़ान भरने लगेंगीं। यह एयरपोर्ट कम से कम साल 2030 तक दिल्ली जैसा अंतरराष्ट्रीय आकार ले पाएगा।
1,334 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण
जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण के लिए 1,334 हेक्टयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है। ग्लोबल टेंडर के जरिये एटरपोर्ट निर्माण का कार्य स्विट्जरलैंड की ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी को दिया गया है। एयरपोर्ट के फेज 2 में 1365 हेक्टेयर, फेज 3 में 1318 हेक्टेयर और फेज 4 में 735 हेक्टेयर जमीन पर निर्माण कार्य होगा।
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