सार
यूपी के जिले रायबरेली में जेल से ड्यूटी से वापस आने के दौरान पांच वार्डरों ने बेरहमी से पीटा। वहीं घायल सिपाही ने खाने में मिलावट को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उसका कहना है कि खाने में मिलावट को लेकर पिछले एक महीने से दबाव बनाया जा रहा था।
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के जिले रायबरेली में जेल के बाहर एक सिपाही को पीटने का मामला सामने आया है। एक सिपाही को पांच सिपाही बेरहमी से लाठी से पिटाई कर रहे हैं। सिपाही को जमीन पर गिराकर बुरी तरह पीटते हैं। इस मामले के संज्ञान में आने पर डीजी ने मारपीट में शामिल पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है। आरोपी सौरभ कुमार वर्मा, विजय कुमार सिंह, प्रवेश कुमार सिंह, राजीव कुमार शुक्ला और जसवंत तोमर को तत्काल रूप से निलंबित कर दिया है। पांचों सिपाहियों पर विभागीय जांच बैठा दी है।
आरोपी खाने में गड़बड़ी को लेकर बना रहे थे दबाव
दूसरी पक्ष में बंदीरक्षक सौरभ वर्मा ने भी पुलिस को तहरीर देकर घायल बंदीरक्षक के खिलाफ मारपीट और अभद्र व्यवहार करने का आरोप लगाया है। वहीं सिपाही ने जेल अधीक्षक को जांच अधिकारी बनाए जाने पर आपत्ति जताई है। सिपाहियों द्वारा हमने में घायल सिपाही मुकेश दुबे का कहना है कि मेरी ड्यूटी भंडारे में लगी हुई है। आरोपी जेल के अंदर कैंटीन चलाते हैं। उन्होंने आगे बताया कि पिछले एक महीने से कैंटीन चलाने वाले जेल के सिपाही बराबर दबाव बना रहे थे कि कैदियों को मिलने वाले खाने में गड़बड़ी करो ताकि जेल में बंद बंदी खाना कैंटीन से लें। उसने यह भी बताया कि ईमानदारी से बंदियों को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया।
चीख पुकार सुनकर पत्नी और बच्चों ने बचाई जान
घायल सिपाही मुकेश दुबे का कहना है कि सोमवार की शाम छह बजे ड्यूटी समाप्त होने पर कॉलोनी के कमरे में जा रहा था। इसी बीच जेल गेट से कुछ दूरी पर बंदीरक्षक विजय सिंह, सौरभ वर्मा, परवेश सिंह, राजीव शुक्ला, जसवंत ने फाइबर की बेंत से हमला कर दिया। सभी ने मिलकर जमीन पर गिराकर पीटा और चीख पुकार सुनकर मेरी पत्नी व बच्चे बचाने दौड़े। मगर तब तक हमलावर सिपाही मौके से भाग खड़े हुए। आनन-फानन में जिला अस्पताल लेकर आए, जहां उपचार जारी है।
घायल सिपाही ने जांच अधिकारी बदलने की मांग
जिला कारागार में पिटाई के बाद घायल सिपाही मुकेश का बयान सामने आया है। घायल सिपाही मुकेश का कहना है कि जेल अधीक्षक को जांच अधिकारी बनाया गया है और हमलावर जेल अधीक्षक के अर्दली हैं। इसकी वजह से पूरी जांच प्रभावित हो सकती है। सिपाही ने जांच अधिकारी को बदलने की मांग की है। दूसरी ओर सदर कोतवाल संजय त्यागी का कहना है कि दोनों पक्षों से तहरीर मिली है कि घायल बंदीरक्षक की पत्नी रुचि दुबे की तहरीर में बताया है कि उसके पति की ड्यूटी जिला कारागार के अंदर भंडारण कक्ष में रहती है। आरोपी जेल के अंदर कैंटीन संचालित कराते हैं। घायल सिपाही की पत्नी का कहना है कि पति पर बंदियों के भोजन में मिलावट का दबाव बना रहे थे। जब इसका विरोध किया तो उन्होंने मारपीट की।
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