सार

यूपी पुलिस की छवि जगजाहिर है, लेकिन इसी विभाग में कुछ ऐसे भी हैं जो समाज के लिए कुछ कर गुजरने को हमेशा तैयार रहते हैं। लखनऊ में तैनात एक दारोगा मानवता की ऐसी ही एक मिसाल पेश कर रहे हैं। ये रोजाना रात फुटपाथ पर ठंड से ठिठुर रहे लोगों की मदद करते हैं। किसी को रेन बसेरों में पहुंचाते तो किसी को कंबल बांटते नजर आ जाते हैं। hindi.asianetnews.com ने दारोगा अनीस सिंह से बात की और इनके इस काम के बारे में जानने की कोशिश की। 

लखनऊ(Uttar Pradesh ). यूपी पुलिस की छवि जगजाहिर है, लेकिन इसी विभाग में कुछ ऐसे भी हैं जो समाज के लिए कुछ कर गुजरने को हमेशा तैयार रहते हैं। लखनऊ में तैनात एक दारोगा मानवता की ऐसी ही एक मिसाल पेश कर रहे हैं। ये रोजाना रात फुटपाथ पर ठंड से ठिठुर रहे लोगों की मदद करते हैं। किसी को रेन बसेरों में पहुंचाते तो किसी को कंबल बांटते नजर आ जाते हैं। hindi.asianetnews.com ने दारोगा अनीस सिंह से बात की और इनके इस काम के बारे में जानने की कोशिश की। 

सीएम योगी के भाषण ने दिखाया रास्ता
अनीस सिंह वर्तमान में हजरतगंज कोतवाली क्षेत्र के पार्क रोड पुलिस चौकी में तैनात हैं। वो कहते हैं, मुझसे गरीबों का दर्द देखा नहीं जाता। यही कारण है कि ड्यूटी खत्म करने के बाद लोगों की मदद को निकल जाता हूं। जरूरतमंदो की मदद करके मन को बहुत सुकून मिलता है। कुछ दिन पहले मैं सीएम योगी आदित्यनाथ का एक भाषण सुन रहा था। जिसमें उन्होंने कहा, अगर फुटपाथ पर एक भी गरीब ठंड से ठिठुर रहा है तो ये हमारे लिए शर्म की बात है। उनकी इस बात से मुझे आत्मबल मिला। तब से मैंने इस काम को अपनी दिनचर्या में ही शाामिल कर लिया। 

बुलेट पर बैठाकर रैनबसेरे में ले जाते हैं अनीस 
वो कहते हैं, ठंड का मौसम आ गया है। इसलिए रोज ड्यूटी खत्म होने के बाद बुलेट पर कुछ कंबल लेकर निकल जाता हूं। हजरतगंज और आसपास के इलाके में फुटपाथों पर सो रहे लोगों को रैनबसेरे में ले जाता हूं। कुछ लोगों को कंबल उपलब्ध कराता हूं। जितने ज्यादा लोगों की मदद करता हूं उतना ही सुकून मिलता है। इस बार ठंड की शुरुआत होने से अब तक करीब 100 लोगों को रैनबसेरे में पहुंचा चुका हूं। 

पिता के अनुशासन व प्रेरणा से कर रहे ऐसा 
अनीस यूपी के प्रतापगढ़ के रहने वाले हैं। उनके पिता हवलदार सिंह आर्मी से रिटायर्ड हैं। अनीस कहते हैं, जीवन में अपने दायित्वों व कर्तव्यों को पूरा करने की जो प्रेरणा मिली है वह पिता जी से मिली है। शुरू से ही उनके बताए आदर्शों पर चल कर अनुशासन व उदारता दोनों सीखने को मिली है। इन्हीं सब से गरीबों की मदद करने का जज्बा हमेशा मन में बना रहता है।