सार
एसीडीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि धारा 144 लागू है। ऐसे में किसी को यात्रा निकालने अथवा प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। जो भी नियम विरुद्ध काम करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी ने भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश की तो ठीक नहीं होगा। चाहे वह जो भी हो।
लखनऊ: कानपुर में हिंसा के बाद नूपुर शर्मा को भाजपा ने पार्टी से भले ही निष्कासित कर दिया हो लेकिन उनकी गिरफ्तारी की मांग लगातार उठ रही है। वहीं दूसरी तरफ हिंदू संगठन उनके साथ खड़े भी दिखाई पड़ रहे हैं। बता दें कि अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने नूपुर शर्मा के समर्थन में प्रदर्शन की घोषणा की थी। इसके बाद राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी और प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी कैसरबाग पुलिस ने लालबाग वाल्मीकि मार्ग स्थित उनके आवास पर गुरुवार दोपहर नजरबंद कर दिया।
लागू है धारा 144
एसीडीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि धारा 144 लागू है। ऐसे में किसी को यात्रा निकालने अथवा प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। जो भी नियम विरुद्ध काम करेगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। किसी ने भी माहौल बिगाड़ने की कोशिश की तो ठीक नहीं होगा। चाहे वह जो भी हो।
शांति यात्रा निकालने के लिए की थी घोषणा
प्रदर्शन यात्रा शाम को केडी सिंह बाबू स्टेडियम से लेकर हजरतगंज चौराहे तक निकलनी थी। महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने बताया कि नूपुर शर्मा के समर्थन, सुरक्षा की मांग एवं टीवी चैनलों पर शिवलिंग को लेकर जारी हो रहे मौलानाओं, धर्म गुरुओं के विवादित बयान को लेकर उन्होंने शांति यात्रा निकालने की घोषणा की थी।
नजर बंद करना ठीक नहीं
बड़ी संख्या में पुलिस बल वाल्मीकि मार्ग बीसीसी बिल्डिंग स्थित उनके आवास पर पहुंचा। यहां उन्हें और प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी को नजरबंद कर दिया गया। घर से लेकर बाहर तक पुलिस बल तैनात कर दिया गया। प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस-प्रशासन, मौलानाओं पर कार्रवाई करने के बजाए उन्हें नजर बंद कर रही है। यह ठीक नहीं है।
ये था मामला
भारतीय जनता पार्टी ने रविवार को अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को समुदाय विशेष के खिलाफ कथित भड़काऊ टिप्पणी के बाद पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया था। पूर्व भाजपा नेता की टिप्पणी के बाद उनपर तीन एफआइआर दर्ज हो चुकी हैं। नूपुर शर्मा के खिलाफ एफआइआर का सिलसिला तब चालू हुआ जब एक वायरल वीडियो में यह दावा किया गया कि नूपुर ने ज्ञानवापी मस्जिद पर बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की है।
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