सार

जानकारी के मुताबिक बवाल के दौरान एक फोन नंबर से लगातार पाकिस्तान में कॉल चल रही थी। वह नंबर हिस्ट्रीशीटर अतीक खिचड़ी का था। अतीक बवाल के बाद से फरार है। एसआईटी को उसका कनेक्शन बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा से भी मिल रहा है। 

कानपुर: जुमे के बाद हुई मामले में दिन पर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। सबसे चौंका देने वाला खुलासा सामने आया है। दरअसल नई सड़क पर हुए बवाल का पाकिस्तान से कनेक्शन होने की बात सामने आ रही है। 

जानकारी के मुताबिक बवाल के दौरान एक फोन नंबर से लगातार पाकिस्तान में कॉल चल रही थी। वह नंबर हिस्ट्रीशीटर अतीक खिचड़ी का था। अतीक बवाल के बाद से फरार है। एसआईटी को उसका कनेक्शन बाबा बिरयानी के मालिक मुख्तार बाबा से भी मिल रहा है। 

दो बिंदुओं पर एसआईटी कर रही जांच
एसआईटी की जांच में अब तक दो बिंदु सामने आए हैं। पहला, उपद्रव की साजिश नूपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर भारत की विश्व पटल पर बदनामी कराने को रची गई थी। दूसरा, उपद्रव के पीछे स्थानीय कारण हिंदुओं की बस्ती चंद्रेश्वर हाता खाली कराना था। कुछ बिल्डरों की नजर इसपर है, लेकिन 19 दिन बाद नए तथ्य ने पुलिस की जांच की दिशा बदल दी है।

उपद्रव के बाद पुलिस नई सड़क के मोबाइल टॉवरों का डाटा खंगाल रही थी, उसमें सामने आया कि एक मोबाइल नंबर से उस वक्त पड़ोसी देश से बात चल रही थी। उसके बाद से वह नंबर लगातार बंद आ रहा है।

जानिए कौन है अतीक खिचड़ी 
40 वर्ष का अतीक खिचड़ी अपराधियों का गढ़ कहे जाने वाले गम्मू खां का हाता का रहने वाला है। कर्नलगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसके खिलाफ कर्नलगंज थाने में 21 मुकदमे दर्ज हैं। अतीक का भाई अकील भी हिस्ट्रीशीटर है। अतीक के खिलाफ लूट, मारपीट, हत्या का प्रयास, ड्रग्स तस्करी, गुंडा एक्ट, गैंगस्टर एक्ट में मुकदमे दर्ज हैं।

बवाल के बाद पुलिस ने वीडियो, फोटो के आधार पर 40 उपद्रवियों के पोस्टर जगह-जगह लगाए थे। कई युवकों को पुलिस ने घटना के वक्त भी दबोचा था। गिरफ्तारी के बाद कई परिवारों ने पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा से मिलकर आरोपियों को निर्दोष बताया था। 

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