सार
नौरंगिया स्कूल टोला के रहने वाले परमेश्वर कुशवाहा के बेटे की हल्दी रस्म का कार्यक्रम था। रात 9.30 बजे के आसपास 50-60 महिलाएं और लड़कियां गांव के बीच में बने पुराने कुएं के पास शादी की रस्म के लिए पहुंची थीं। कुएं पर स्लैब बना था। कुएं पर ढक्कन रखा गया था। पूजा के दौरान महिलाएं स्लैब पर चढ़ गईं। एक साथ महिलाएं स्लैब पर चढ़ीं तो जर्जर स्लैब अचानक टूट गया। इससे उस पर खड़ी महिलाएं और बच्चियां कुएं में गिर गईं और डूबने लगीं।
कुशीनगर: उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में बुधवार रात दिल दहलाने वाला हादसा हुआ। यहां पूजन के दौरान कुएं का स्लैब टूट गया। इसमें पूजा कर रहीं महिलाएं कुएं में गिर गईं। हादसे में 13 की मौत हो गई। मृतकों में एक डेढ़ साल का बच्चा, 10 बच्चियां और दो महिलाएं हैं। हादसा रात करीब साढ़े 9 बजे का है। घटना के करीब एक घंटे बाद पहुंचे प्रशासन ने देर रात तक रेस्क्यू किया। करीब 25-30 महिलाएं घायल हैं, जिन्हें नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र का है।
नौरंगिया स्कूल टोला के रहने वाले परमेश्वर कुशवाहा के बेटे की हल्दी रस्म का कार्यक्रम था। रात 9.30 बजे के आसपास 50-60 महिलाएं और लड़कियां गांव के बीच में बने पुराने कुएं के पास शादी की रस्म के लिए पहुंची थीं। कुएं पर स्लैब बना था। कुएं पर ढक्कन रखा गया था। पूजा के दौरान महिलाएं स्लैब पर चढ़ गईं। एक साथ महिलाएं स्लैब पर चढ़ीं तो जर्जर स्लैब अचानक टूट गया। इससे उस पर खड़ी महिलाएं और बच्चियां कुएं में गिर गईं और डूबने लगीं।
जब घटना हुई तब वहां ज्यादातर महिलाएं थीं। अंधेरा भी था। ऐसे में चीख-पुकार मच गई। गांव के पुरुष जब तक दौड़कर पहुंचे। तब तक काफी देर हो चुकी थी। कई महिलाएं डूब चुकी थीं। कुआं काफी गहरा था, लेकिन उसमें 10 फीट में पानी लबालब भरा था। यही कारण है कि मृतकों की संख्या 13 तक पहुंच गई।
अंधेरे से रेस्क्यू में आई दिक्कत
अंधेरा होने के कारण भी रेस्क्यू समय से नहीं हो पाया। ग्रामीणों ने मोबाइल और गाड़ियों की हेडलाइट से अपने स्तर पर रेस्क्यू करने का प्रयास किया। इसके बाद पुलिस और प्रशासन पहुंचा। फिर गोताखोरों को बुलाया गया। देर रात तक गोताखोरों ने कुएं को सर्च किया। पुलिस ने बताया कि सभी घायलों को कुएं से निकालकर अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने 13 लोगों को मृत घोषित कर दिया। सभी की मौत डूबने से होने की आशंका जताई जा रही है। हादसे में मृत बच्चियों की उम्र 5 से 15 साल के बीच है।
महिलाएं बोलीं- कुछ समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ
पूजा करने गई महिलाओं ने बताया कि क्या हुआ किसी को कुछ समझ ही नहीं आया। पूजा के दौरान अचानक तेज आवाज आई और बच्चियां और महिलाएं गिरने लगी। बच्चियों ने एक-दूसरे को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन अंधेरा होने के कारण किसी को कुछ समझ ही नहीं आ रहा था। हादसे के बाद 15-20 मिनट तक तो सिर्फ चीखें थीं। सब डर गए थे। जब ग्रामीण आए तो फिर रेस्क्यू शुरू हुआ। अंधेरा न होता तो शायद इतनी मौतें नहीं होती।
एंबुलेंस भी एक घंटे बाद पहुंची
हादसे के बाद एंबुलेंस भी सूचना के करीब एक घंटे बाद पहुंची। इससे ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने बताया कि एक तो एंबुलेंस नहीं आई। फिर जब अस्पताल गए तो वहां डॉक्टर ही मौजूद नहीं थे। काफी देर बाद डॉक्टर आए। ऐसे में ट्रीटमेंट न मिलने के कारण भी कई लोगों की मौत हो गई। वहीं, इस मामले में अधिकारियों का कहना है कि जिन डॉक्टरों ने लापरवाही की है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र के नौरंगिया गांव में बुधवार रात करीब 10 बजे कुएं पर रखा स्लैब टूट कर गिरने से 30 लोग कुएं में गिर गए। हादसे में दो महिलाओं और 11 अन्य जिसमे बच्चे, किशोर-किशोरी, युवक युवती शामिल हैं की मौत गई। घटना के समय सभी लोग एक परिवार में हल्दी की रस्म के उत्सव में चल रहा डांस देख रहे थे। कई थानों की फोर्स रेस्क्यू आपरेशन कर बाहर निकाला।
एडीजी अखिल कुमार ने बताया कि इस कुएं पर कार्यक्रम हो रहा था। अचानक इसका ऊपर का स्लैब टूट गया। वहां गाड़ी जितनी भी महिलाएं थीं वो कुएं में गिर गईं। इसके बाद स्थानीय लोग और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर 13 लोगों को निकाला। सभी महिलाएं थीं जिनकी मृत्यु हो चुकी थी। जिला प्रशासन की टीम आगे की कार्रवाई की जा रही है। किसी भी तरह की लापरवाही अगर हुई है तो जांच करवाएंगे।