सार

यूपी के जिले वाराणसी के नरिया डबल मर्डर की गुत्थी 47 दिन बाद सुलझ गई है। मां-बेटी सुनीता पांडेय और बेटी दीपिका पांडेय की निर्मम हत्या करने वाले दो शातिर बदमाशों और एक सूत्रधार को वाराणसी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही पूछताछ में पता चला कि लूट के इरादे से ये हत्या की गई थी।

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के जिले वाराणसी में लंका थाना क्षेत्र के एक मकान में मां-बेटी के निर्वस्त्र हालत में सड़ चुके शव मिले थे। करीब 11 दिन तक मकान में दो लाश पड़ी रही और किसी को भनक तक नहीं लगी थी। शहर के डबल मर्डर की गुत्थी 47 दिन बाद सुलझ गई है। वाराणसी पुलिस ने मां-बेटी सुनीता पांडेय (55) और बेटी दीपिका पांडेय (28) की निर्मम हत्या करने वाले दो शातिर बदमाशों और एक सूत्रधार को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों से पूछताछ में पता चला है कि हत्या की वारदात लूट के इरादे से की गई थी। 47 बाद दोहरे हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के बाद उत्तर प्रदेश के डीजीपी डीएस चौहान ने वाराणसी पुलिस को शाबाशी भी दी है।

मर्डर से पहले हत्यारों ने दो से तीन दिन तक की थी रेकी
डबल मर्डर के हत्यारे दो सगे भाई अमन और अतुल विश्वकर्मा हैं। दोनों ही मूल रूप से यूपी के जिले भदोही के रहने वाले है। इतना ही नहीं इस हत्या के पीछे की पूरी योजना पड़ोस में रहने वाले विजय पाल के द्वारा बनाई गई थी। दोनों हत्यारों ने बकायदा दो से तीन दिन तक रेकी की। उसके बाद घटना वाली रात को घर के पीछे वाले रास्ते से अंदर घुसकर हथौड़ा और लोहे की रॉड से सिर पर हमला कर दोनों की हत्या कर दी। आरोपी अमन इससे पहले भी नागपुर महाराष्ट्र में हत्या और चोरी के मामले में जेल जा चुका है। हत्यारों के पास से पुलिस को मां-बेटी के मोबाइल फोन समेत ज्लैलरी और कैश भी बरामद किया है। पुलिस तीनों बदमाशों को आज रिमांड के लिए वाराणसी के न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। 

जानिए क्या था दोहरे हत्याकांड का पूरा मामला
बता दें कि बीती 13 जुलाई को शहर के नरिया स्थित एक मकान में मां-बेटी का दस दिन पुराना निर्वस्त्र शव मिला था। इसका खुलासा तब हुआ जब छोटा बेटा अंजनी कई दिन के बाद घर पहुंचा। घर पहुंचते ही दुर्गंध आ रही थी, जिसके बाद उसने पुलिस को सूचित किया। यह मकान नरिया में प्राथमिक विद्यालय के पास बिजली विभाग से सेवानिवृत्त बालमुकुंद पांडेय का मकान है। उनका एक बेटा अखिलेश इलाहाबाद हाईकोर्ट में अधिवक्ता हैं। दूसरा बेटा अंजनी चोलापुर में पोल्ट्री फॉर्म हाउस में काम करता है लेकिन उनकी मौत दो साल पहले ही हो चुकी है। वहीं स्थानीय लोगों के अनुसार मां-बेटी आसपास के लोगों से बहुत कम मतलब रखती थी।

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