प्लाज्मा थेरेपी, एक बार के प्रोसेस में लगता है 90 मिनट, वीक में 5 बार होता है

वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस के इलाज के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। इस बीच कोरोना का शिकार लोगों के लिए प्लाज्मा थेरेपी चर्चा में आई है। जिसका इस्तेमाल कोरोना के इलाज के लिए किया जा रहा है। इस वीडियो में मेडीकल स्पेशलिस्ट डॉक्टर सव्यासाची गुप्ता से समझिए क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी ? कैसे काम करती है और इसकी सीमाएं क्या है। 

/ Updated: Apr 24 2020, 04:53 PM IST

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वीडियो डेस्क। कोरोना वायरस के इलाज के लिए अभी तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है। इस बीच कोरोना का शिकार लोगों के लिए प्लाज्मा थेरेपी चर्चा में आई है। जिसका इस्तेमाल कोरोना के इलाज के लिए किया जा रहा है। इस वीडियो में मेडीकल स्पेशलिस्ट डॉक्टर सव्यासाची गुप्ता से समझिए क्या होती है प्लाज्मा थेरेपी ? कैसे काम करती है और इसकी सीमाएं क्या है। 

जानें क्या है प्लाज्मा थेरेपी, कैसे होता है इलाज
डॉ. सव्यसाची गुफ्ता ने बताया कि प्लाज्मा थेरेपी में एंटीबॉडी का इस्तेमाल किया जाता है। किसी खास वायरस या बैक्टीरिया के खिलाफ शरीर में एंटीबॉडी तभी बनता है, जब इंसान उससे पीड़ित होता है। अभी कोरोना वायरस फैला हुआ है, जो मरीज इस वायरस की वजह से बीमार हुआ था। जब वह ठीक हो जाता है तो उसके शरीर में इस कोविड वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनता है। इसी एंटीबॉडी के बल पर मरीज ठीक होता है। जब कोई मरीज बीमार रहता है तो उसमें एंटीबॉडी तुरंत नहीं बनता है, उसके शरीर में वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी बनने में देरी की वजह से वह सीरियस हो जाता है। प्लाज्मा थेरेपी में कोरोना संक्रमित मरीज के ठीक हो जाने के कम से कम 28 दिन बाद उसके खून से प्लाज्मा निकाला जाता है। इससे सही हो चुके रोगी के एंटीबॉडी तत्व दूसरे रोगी के शरीर में जाते हैं। ऐसा करने से संक्रमित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता तेजी से बढ़ती है। इससे उसका कोरोना संक्रमण जल्द ठीक होने की संभावना बढ़ती है।
प्लाज्मा थेरेपी को वीक में 5 बार किया जाता है और 90 मिनट की होती है। 

कैसे काम करती है प्लाज्मा थेरपी
डॉक्टर बताया कि कोरोना वायरस की मोटे तौर पर तीन स्टेज हैं। पहली में वायरस शरीर में जाता है। दूसरी में यह फेफड़ों तक पहुंचता है और तीसरे में शरीर इससे लड़ने और इसे मारने की कोशिश करता है जो सबसे खतरनाक स्टेज होती है। यहां शरीर के अंग तक खराब हो जाते हैं। प्लाज्मा से इलाज के लिए सबसे सही वक्त दूसरी स्टेज होती है। क्योंकि पहली में इसे देने का फायदा नहीं और तीसरी में यह कारगर नहीं रहेगा। उनके मुताबिक, प्लाज्मा थेरपी मरीज को तीसरी स्टेज तक जाने से रोक सकती है।

दिल्ली में हो चुका है 4 मरीजों का इलाज
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलएनजेपी अस्पताल में कोरोना के चार मरीजों पर हुए प्लाज्मा थेरेपी को लेकर प्रेस वार्ता की थी। इसमें उन्होंने बताया कि एलएनजेपी में चार मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी की गई जो काफी हद तक सफल रही। हमने एलएनजेपी अस्पताल के 4 मरीज़ों पर प्लाज्मा का ट्रायल करके देखा, उसके अब तक के नतीजे उत्साहवर्धक हैं। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों से इसके लिए ब्लड डोनेट करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्लाज्मा डोनेट करने से आप कई लोगों की जान बचा सकते हैं।

देश में कोरोना से मरीजों की संख्या 
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 23 हजार 246 हो गई है। शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में 58, राजस्थान में 36, कर्नाटक में 18, बिहार में 6 और ओडिशा में एक मरीज की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई। ये आंकड़े covid19india.org और राज्य सरकारों से मिली जानकारी के अनुसार हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में संक्रमितों की कुल संख्या 23077 है। इनमें से 17610 का इलाज चल रहा है, 4749 ठीक हुए हैं और 718 की मौत हुई है।