आजादी के 75 साल : आजादी के 10 प्रमुख कथन, जो जोश भर देंगे

भारत अपनी आजादी का 75वां वर्षगांठ मना रहा है। इस खास मौके पर हम आपको देश को आजाद कराने वाले हीरो और आजाद भारत में योगदान देने वाली शख्सियत के बारे में बता रहे हैं। इस कड़ी में सबसे पहले आपको बताएंगे महापुरुषों के वे 10 नारे जो किसी को भी जोश से भर देंगे।
 

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भारत अपनी आजादी का 75वां वर्षगांठ मना रहा है। इस खास मौके पर हम आपको देश को आजाद कराने वाले हीरो और आजाद भारत में योगदान देने वाली शख्सियत के बारे में बता रहे हैं। इस कड़ी में सबसे पहले आपको बताएंगे महापुरुषों के वे 10 नारे जो किसी को भी जोश से भर देंगे।
1- मेरे ऊपर किए गए लाठी का हर प्रहार ब्रिटिश साम्राज्य की ताबूत पर अंतिक कील साबित होगा- लाला लाजपत राय
2. क्रांति की तलवार में धार वैचारिक पत्थर पर रगड़ने से होती है-भगत सिंह
3. हमने घुटने टेक कर रोटी मांगी, किंतु उत्तर में पत्थर मिले, इंतजार की घड़िया खत्म हुईं - महात्मा गांधी
4. हमने सिरदर्द से छुटकारा पाने के लिए सिर कटवाना बेहतर समझा- जवाहर लाल नेहरू
5. यदि हम साल में एक बार मेढ़क की तरह टर्राते रहें, तो हमें अपने प्रयासों में सफलता नहीं मिलेगी.-बाल गंगाधर तिलक
6. मैं स्वाधीन भारत में मरना चाहता था, परन्तु मेरी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी- मोती लाल नेहरू
7- कर्जन ने वही किया जो औरंगजेब ने किया-गोपाल कृष्ण गोखले
8- जो स्वदेशीय राज्य होता है, वह सर्वोपरि उत्तम होता है- दयानंद सरस्वती
9- भगत सिंह और इकबाल का एक ही अर्थ है- सुभाष चंद्र बोस
10- समूचा भारत एक विशाल बंदीगृह है- चितरंजन दास

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