वज्र जयंती यात्रा: केरल की नृत्य कलाओं से रूबरू तो खिल गए कैडेटों के चेहरे, शानदार था ये मूमेंट

कथकली वादक एम पी एस नंपूथिरी ने कैडेटों को कलामंडलम और इसके संस्थापक वल्लथोल के बारे में बताया। कलामंडलम के कलाकारों ने कथकली, मोहिनीअट्टम, भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी को मिलाकर एक फ्यूजन डांस फॉर्म का भी मंचन किया।

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एशियानेट न्यूज और एनसीसी वज्र जयंती यात्रा के प्रतिभागियों को मंगलवार को केरल कलामंडलम के परिसर में केरल की विभन्न कलाओं के बारे में अवगत कराया गया। कैडेटों ने नीला परिसर में वल्लथोल मेमोरियल और विभिन्न थिएटरों का दौरा किया ये वे जगहें हैं जहां नृत्य को कई रूपों को बताया जाता है। इस दौरान कलामंडलम के रजिस्ट्रार द्वारा यात्रा का गर्मजोशी से स्वागत किया गया। प्रतिभागियों ने परिसर का दौरा किया। जहां उन्हें केरल की संस्कृति, समृद्ध खजाने और कलामंडलम के पीछे साहित्य और मास्टरमाइंड वल्लथोल नारायण मेनन के बारे में जानने का मौका मिला। कथकली वादक एम पी एस नंपूथिरी ने कैडेटों को कलामंडलम और इसके संस्थापक वल्लथोल के बारे में बताया। कलामंडलम के कलाकारों ने कथकली, मोहिनीअट्टम, भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी को मिलाकर एक फ्यूजन डांस फॉर्म का भी मंचन किया।

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