FSSAI का बड़ा फैसला, स्कूल कैंपस से 50 मीटर तक नहीं होगी जंक फूड की दुकान

फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई ने बच्चों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल की कैंटीन और 50 मीटर की दूरी तक पोटेटो चिप्स, सॉफ्ट ड्रिंक और जंक फूड की बिक्री पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया है। एफएसएसएआई ने अपने ड्राफ्ट, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रेगुलेटरी 2019 में बिक्री के साथ-साथ जंक फूड के विज्ञापन पर भी रोक लगाने का प्रस्ताव है। इस तरह के खाद्य उत्पादों का निर्माण करने वाले कंपनियों के संचालकों द्वारा स्कूल और उसके 50 मीटर के दायरे में ऐसे विज्ञापन लगाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। इससे अब खाद्य ऑपरेटरों को लोगो, ब्रांड के नाम, करेक्टर, प्रोडक्ट के नाम पर, वेंडिंग मशीन, किताबें, अन्य पाठ्य साम्रगी और अन्य स्कूल सप्लाई में इस तरह के उत्पादों के सैंपल की मार्केटिंग और वितरण करने में भी कठिनाई होगी। जंक फूड में विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे पोषक तत्व कम मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही इसमें अधिक मात्रा में वसा होता है। इसमें चीनी और नमक का भी इस्तेमाल होता है। नियमित रूप से जंक फूड के इस्तेमाल से मोटापा, हृदय रोग, सुगर, लिवर और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है। 

/ Updated: Nov 06 2019, 09:37 PM IST

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फूड रेगुलेटर एफएसएसएआई ने बच्चों को सुरक्षित और पौष्टिक भोजन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए स्कूल की कैंटीन और 50 मीटर की दूरी तक पोटेटो चिप्स, सॉफ्ट ड्रिंक और जंक फूड की बिक्री पर रोक लगाने का प्रस्ताव दिया है। एफएसएसएआई ने अपने ड्राफ्ट, फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड रेगुलेटरी 2019 में बिक्री के साथ-साथ जंक फूड के विज्ञापन पर भी रोक लगाने का प्रस्ताव है। इस तरह के खाद्य उत्पादों का निर्माण करने वाले कंपनियों के संचालकों द्वारा स्कूल और उसके 50 मीटर के दायरे में ऐसे विज्ञापन लगाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। इससे अब खाद्य ऑपरेटरों को लोगो, ब्रांड के नाम, करेक्टर, प्रोडक्ट के नाम पर, वेंडिंग मशीन, किताबें, अन्य पाठ्य साम्रगी और अन्य स्कूल सप्लाई में इस तरह के उत्पादों के सैंपल की मार्केटिंग और वितरण करने में भी कठिनाई होगी। जंक फूड में विटामिन, खनिज और फाइबर जैसे पोषक तत्व कम मात्रा में पाए जाते हैं। साथ ही इसमें अधिक मात्रा में वसा होता है। इसमें चीनी और नमक का भी इस्तेमाल होता है। नियमित रूप से जंक फूड के इस्तेमाल से मोटापा, हृदय रोग, सुगर, लिवर और कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बना रहता है।