कब मिलती है भारतीय नागरिकता और क्या है सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल 2019

 आखिर क्या है सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल 2019  और नागरिकता कानून कब आया

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वीडियो डेस्क। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में चर्चा के लिए पेश किया। इस दौरान विपक्ष ने बिल का विरोध किया। आखिर क्या है सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल 2019 और नागरिकता कानून कब आया, वर्तमान में इसका स्वरूप कैसा है? बता रहे हैं विदेश मामलों के जानकार अभिषेक खरे। 

1 नागरिकता कानून कब आया, वर्तमान में इसका स्वरूप कैसा है?
 यह कानून 1955 में आया। इसके तहत किसी भी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 12 साल भारत में रहना अनिवार्य है।

2. क्या इस कानून के तहत अवैध तरीके से दाखिल हुए लोगों को भी नागरिकता मिल सकती है?
 भारत में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती है। उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने के प्रावधान हैं।

3. सरकार क्या संशोधन करने जा रही है?
संशोधित विधेयक में पड़ोसी देशों अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक शरणार्थियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को नागरिकता मिलने का समय घटाकर 11 साल से 6 साल किया गया है। मुस्लिमों और अन्य देशों के नागरिकों के लिए यह अवधि 11 साल ही रहेगी।

4. विपक्ष क्यों विरोध कर रहा?
 बिल को संविधान की मूल भावना के खिलाफ बताया जा रहा है क्योंकि पड़ोसी देशों से आए 6 धर्मों के लोगों को भारतीय नागरिकता देने में ढील दी जा रही है लेकिन मुस्लिमों को इसमें शामिल नहीं किया गया है।

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