'मैं इसी तरह पैदा हुई थी, लेकिन मैं डायन नहीं हूं, मुझे नफरत से न देखो'

यह हैं 63 साल की नायक कुमारी। यह ओडिशा के गंजम जिले के कड़ापाड़ा गांव में रहती हैं। मां-बाप ने बड़े लाड़-दुलार से बेटी का नाम 'नायक' रखा था। लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि एक बीमारी के चलते उसकी बेटी ताउम्र नारकीय जीवन गुजारेगी।

/ Updated: Nov 28 2019, 05:25 PM IST

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गंजम(ओडिशा). किसी के हाथ-पैर में अगर 5 से ज्यादा उंगुलियां हैं, तो यह कोई पाप नहीं है। लेकिन लोगों की छोटी सोच के चलते इस बुजुर्ग को अपना पूरा जीवन नारकीय हालत में गुजारना पड़ा। इसके पास जाना तो दूर, कोई इससे बात तक करना पसंद नहीं करता है। हालांकि अब कुछ लोगों की सोच बदली है, लेकिन जो वक्त गुजर गया, वो तो वापस आने से रहा। यह हैं 63 साल की नायक कुमारी। यह ओडिशा के गंजम जिले के कड़ापाड़ा गांव में रहती हैं। मां-बाप ने बड़े लाड़-दुलार से बेटी का नाम 'नायक' रखा था। नायक कुमारी के दोनों हाथों में 6-6 यानी 12 उंगुलियां हैं। वहीं दोनों पैरों में दोगुनी यानी 20 उंगुलियां हैं। यही जन्मजात विकृति उनके लिए जी का जंजाल बन गई। यह आनुवांशिक गड़बड़ी के कारण होता है। नायक कुमारी बताती हैं कि उनका परिवार बेहद गरीब हैं। इसलिए उनके माता-पिता इलाज नहीं करा पाए। लोग उन्हें डायन कहते हैं। इस वजह से सारा जीवन घर में कैदी की तरह गुजारना पड़ा। क्योंकि जब भी वे घर से निकलतीं, तो लोग घृणा से देखते थे। नायक मानती हैं कि यह एक अंधविश्वास है, लेकिन वे कुछ नहीं कर सकतीं। डॉक्टरों के मुताबिक यह पॉलीडेक्‍टायली बीमारी से होता है। यह जीन्स में बदलाव के कारण होता है। ऐसा 1000 में से कोई एक केस होता है। हालांकि अब ऑपरेशन करके अतिरिक्त उंगुलियों को निकाला जा सकता है।