हरियाली तीज पर स्वर्ण रजत हिंडोले में विराजे बांके बिहारी, श्रद्धालु महिलाओं ने मल्हार गाकर जताई खुशी 

वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर में हरियाली तीज धूमधाम के साथ में मनाया गया। इस दौरान भक्तों का उत्साह देखने लायक था। हरियाली तीज पर ठाकुर जी को झूला झुलाने की प्राचीन परंपरा का निर्वाहन भी वहां किया गया। 

/ Updated: Jul 31 2022, 06:07 PM IST

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वृंदावन: विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में रविवार को हरियाली तीज का पावन पर्व हिंडोला उत्सव के रूप में प्रतिवर्ष की भांति हर्षोल्लास से मनाया गया। इस मौके पर श्रद्धालु भक्तों ने स्वर्ण-रजत हिंडोले में विराजमान ठाकुर बांकेबिहारी के दर्शन कर स्वयं को धन्य किया। वैसे तो हरियाली-तीज पर ब्रज के सभी प्रमुख मंदिरों में झूलनोत्सव के अंतर्गत झूले सजाये जाते हैं और ठाकुरजी को झूला झुलाकर प्राचीन परंपरा का निर्वहन किया जाता है। परन्तु ब्रज के प्रसिद्ध हरियाली तीज पर्व की विशेष धूम जग प्रसिद्ध बाँकेबिहारी मंदिर में दिखाई दी। 

प्रातःकाल ठाकुर बाँके बिहारी लाल को मंदिर के गर्भ-गृह से बाहर निकालकर करीब 32 फुट चौड़े व 12 फुट ऊंचे विशाल स्वर्ण- रजत हिंडोले में विराजमान कराया गया और उनके दोनों ओर खड़ीं सखियां प्रतीकात्मक रूप में उन्हें झूला झुला रही थीं। हरियाली-तीज के मौके पर हरे रंग के महत्त्व को देखते हुए ठाकुरजी और सखियों को हरे रंग की विशेष पोशाक धारण कराई गई और मंदिर में सावन का एहसास कराने के लिए सावन के सभी रंगों से सजावट की गई। साथ ही ठाकुरजी को भोग भी इस पर्व की विशेष मिठाई घेवर-फैनी अर्पित किया गया। साथ ही मंदिर के पीछे ठाकुर जी की थकान मिटाने यानी विश्राम के लिए सुख सेज भी सजाई गई। प्राचीन मान्यता के अनुसार मंदिर बंद होने के बाद ठाकुरजी को यहां विश्राम कराया जाता है।