बदायूं के जिला कारागार में कैदी ने लगाई फांसी, पोस्टमार्टम से पहले मृतक की दोनों आंखें गायब

बदायूं जिला कारागार में एक कैदी ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। वहीं, आज सुबह जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखे शव की दोनों आंखें गायब देख अस्पताल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। मृतक की दोनों आंखें कैसे गायब हुईं इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। बरहाल इस सनसनीखेज वारदात को लेकर डीएम दीपा रंजन ने कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। 

/ Updated: Jun 08 2022, 02:42 PM IST

Share this Video
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Email

बदायूं जिला कारागार में एक कैदी ने फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। वहीं, आज सुबह जिला अस्पताल की मोर्चरी में रखे शव की दोनों आंखें गायब देख अस्पताल प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। मृतक की दोनों आंखें कैसे गायब हुईं इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। बरहाल इस सनसनीखेज वारदात को लेकर डीएम दीपा रंजन ने कमेटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं। वहीं मृतक के परिवार में कोहराम मचा हुआ है।

अलीगढ़ के अतरौली थाना क्षेत्र के गांव नहल  निवासी भोलू शर्मा (27) पुत्र राम गोपाल जिला जेल में कैदी था। जेल प्रशासन के मुताबिक, संभल के धनारी थाने की पुलिस ने उसके खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई की थी। इस दौरान उसे चार साल की सजा हुई। इसी के तहत गिरफ्तारी के बाद उसे 20 सितंबर 2020 को बदायूं की जेल में लाया गया था। इस बीच उसके परिजनों ने लगातार उससे मुलाकात को लेकर ध्यान नहीं दिया। जिससे वह बहुत ही परेशान रह रहा था। उसके साथ बंद बंदियों ने किसी माध्यम से उसकी जमानत अर्जी कोर्ट में पेश करायी थी। जहां से उसकी जमानत भी मंजूर हो गयी थी। बावजूद उसके कोई परिजन उससे मिलने नहीं पहुंचा। रविवार सुबह से ही वह गुमसुम था। दोपहर एक बजे करीब उसने बथरूम में थैले के हैंडल की प्लास्टिक और गमछे के सहारे फांसी का फंदा तैयार किया और उसके सहारे खिड़की से फंदा बांधकर लटक गया।जिसके शव को जिला अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया था।

पुलिस ने पंचनामा भरकर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा तो मृतक के शव से दोनों आंखे गायब मिली।इस बात को लेकर परिजनों भड़क उठे ! उन्होंने ने कहा कि जब मोर्चरी के कमरे में ताला बंद था तो दोनो  आंखे कैसे गायब हो गई इस बात को लेकर परिजनों ने उच्चधिकारियों से शिकायत की हैं जिसमें एसडीएम के द्वारा जांच चल रही हैं। सीएमएस की व्यवस्था पर सवाल उठ रहा है !  बड़ा सवाल यह है कि बंद कमरे से कैदी की दोनों आंखें कैसे गायब हुईं ?  जबकि कमरे में ऐसा कोई रास्ता नहीं हैं कि कोई जीव जंतु भी घुस सके। सवाल यह भी है कि शव से आखिर आंखे ही क्यों गायब हुई ? 

आपको बता दें कि जिला जेल में खुदकुशी के बाद जिला अस्‍पताल लाए गए शव की आंखें सही सलामत थीं। ऐसे में उसकी आंखें गायब हो जाने को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं।  इस बारे में जिला अस्पताल के सीएमएस विजय बहादुर ने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया तो भोलू शर्मा के परिवारीजनों ने जिलाधिकारी से सीएमएस की शिकायत की है।