जज्बाः घरवालों के पास नहीं थे पैसे, खुद ई रिक्शा चलाकर हर दिन स्कूल जाती है 10वीं की छात्रा

यूपी के रामपुर में के टांडा तहसील के सैंताखेड़ा गांव के रहने वाले फारुख की 5 बेटियां और एक बेटा है। सबसे बड़ी बेटी मंतशा परवीन कक्षा 10 की छात्रा है। वह अपनी दो बहनों के साथ टांडा के सन राइज इंटर कॉलेज में पढ़ती है, जोकि उसके घर से करीब 10 किमी दूर है।

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रामपुर (Uttar Pradesh). यूपी के रामपुर में के टांडा तहसील के सैंताखेड़ा गांव के रहने वाले फारुख की 5 बेटियां और एक बेटा है। सबसे बड़ी बेटी मंतशा परवीन कक्षा 10 की छात्रा है। वह अपनी दो बहनों के साथ टांडा के सन राइज इंटर कॉलेज में पढ़ती है, जोकि उसके घर से करीब 10 किमी दूर है। मंतशा बताती है, पहले उसके पिता रामपुर में रहकर ई रिक्शा चलाकर हमारा पेट पालते थे। रिक्शा से ही वो हमें स्कूल छोड़ देते थे और ले भी आते थे। परिवार बड़ा होने की वजह से वो मजदूरी करने दिल्ली चले गए। स्कूल घर से दूर है, जहां जाने के लिए काफी किराया लग जाता है, हमारी ऐसी स्थिति नहीं कि हम किराया लगाकर स्कूल जा सकें। इसलिए मैंने पिता का ई रिक्शा चलाना सीख लिया और खुद चलाकर बहनों और दोस्तों के साथ स्कूल जाती हूं। hindi.asianetnews.com से बातचीत में स्कूल के प्रिंसिपल लुकमान अहमद ने बताया, फारुख की तीनों बेटियां पढ़ने में तेज हैं। हम दूसरे बच्चों को मंतशा की कड़ी मेहनत और लगन के बारे में बताकर प्रेरित करते हैं। स्कूल प्रशासन ने मंतशा की फीस भी माफ कर दी है।

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