राम की नगरी अयोध्या में नव संवत्सर महोत्सव का छाया उल्लास, संतों-धर्माचार्यों ने की रामकोट की परिक्रमा

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार तदनुसार 2 अप्रैल से भारतीय नव वर्ष यानी विक्रमी संवत 2079 शुरू हो रहा है। इस तिथि को हिंदी नववर्ष के रूप में  मनाया जाता है ।यही कारण है कि इस पर्व को नव संवत्सर के रूप में मनाया जाता है। 

/ Updated: Apr 01 2022, 08:48 PM IST

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अयोध्या : चैत्र शुक्ल प्रतिपदा शनिवार तदनुसार 2 अप्रैल से भारतीय नव वर्ष यानी विक्रमी संवत 2079 शुरू हो रहा है। इस तिथि को हिंदी नववर्ष के रूप में  मनाया जाता है ।यही कारण है कि इस पर्व को नव संवत्सर के रूप में मनाया जाता है। अयोध्या में पिछले कई वर्षों के अयोध्या के संत व राम भक्तों के द्वारा श्री राम के जन्म भूमि स्थित रामकोट की परिक्रमा हिंदी नव वर्ष पर परंपरागत रूप से किया गया। इस परिक्रमा की शुरुवात राम कोट क्षेत्र स्थित मतगजेंद्र भगवान के मंदिर से प्रारंभ होकर हनुमानगढ़ी, पुराना बस स्टेशन, टेढ़ी बाजार, कजियाना, दुराही कुआं, अशर्फी भवन, विभीषण कुंड के मार्ग से पुनः मतगजेंद्र मंदिर से समाप्त हुआ। वहीं इस परिक्रमा के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संतो को अंग वस्त्र भेंट कर यात्रा में शामिल हुए।

अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण को नहीं रोक सकता कोई भी शक्ति : कटियार
विक्रमादित्य महोत्सव के आयोजक पूर्व सांसद विनय कटियार ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम के भक्त मंदिर का निर्माण हो रहा है अभिषेक को भी शक्ति रोक नहीं सकता है। और इसी तरह या कार्य लगातार चलता रहेगा अब रुकने वाला नहीं है जब तक भव्य मंदिर निर्माण का कार्य पूरा हो जाए। तो ही बताया कि आज विक्रम महोत्सव के तहत इस परिक्रमा यात्रा की परंपरा को पूरा किया जा रहा है बड़ी संख्या में अयोध्या के साधु-संत इस यात्रा में शामिल हैं।