Afghanistan-Pakistan border clash: अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा पर तालिबान और पाकिस्तानी सेना के बीच भीषण संघर्ष, पक्तिका में नागरिक हमले और TTP नेताओं को निशाना बनाने की अटकलें, क्षेत्रीय सुरक्षा और राजनयिक संबंधों पर बढ़ता तनाव।

Afghanistan Taliban Border Attack: शनिवार देर रात अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान की साझा सीमा पर हिंसक झड़पें हुईं। अफ़ग़ान तालिबान सरकार ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने उसके "संप्रभु क्षेत्र" में हवाई हमले किए। इस हमले के बाद अफ़ग़ान सुरक्षा बलों ने जवाबी कार्रवाई की और कई पाकिस्तानी चौकियों पर हमला किया गया।

कब और कहां हुई यह हिंसा? 

तालिबान रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने दक्षिण-पूर्वी अफ़ग़ान प्रांत पक्तिका में नागरिक बाजार पर बमबारी की। स्थानीय निवासियों ने बताया कि इस हमले में कई दुकानें नष्ट हो गईं। सोशल मीडिया पर चर्चा हुई कि पाकिस्तान ने TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया, लेकिन अफ़ग़ान अधिकारियों ने पुष्टि की कि टीटीपी के नेता नूर वली महसूद सुरक्षित हैं।

Scroll to load tweet…

पाकिस्तान की प्रतिक्रिया क्या रही? 

पाकिस्तान ने हमले की पुष्टि या इनकार नहीं किया। पेशावर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी सैन्य प्रवक्ता जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान का उपयोग पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद के संचालन के अड्डे के रूप में हो रहा है और सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

क्या यह पहली बार है या पुरानी तनाव की वजह से? 

पाकिस्तान लंबे समय से अफ़ग़ान तालिबान पर टीटीपी को अफ़ग़ान क्षेत्र से काम करने की अनुमति देने का आरोप लगाता रहा है। 2024 पाकिस्तान के लिए सबसे हिंसक वर्षों में से एक था, जिसमें 2,500 से ज़्यादा लोग मारे गए। अप्रैल में उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने काबुल का दौरा किया और दोनों पक्षों के वरिष्ठ नेताओं ने कई बैठकें की, जिनमें चीन की मध्यस्थता भी शामिल थी।

Scroll to load tweet…

हाल के दिनों में क्या हुआ? 

हाल ही में पाकिस्तान में हिंसा में वृद्धि देखी गई। कई हमलों में दर्जनों सैनिक मारे गए, जिनमें ज़्यादातर उत्तर-पश्चिमी ख़ैबर पख़्तूनख़्वा प्रांत के थे। पाकिस्तानी सेना ने हालिया हमलों में 30 से ज़्यादा लड़ाकों को मार गिराया।

अगले कदम क्या हो सकते हैं? 

सीमा पर तनाव बढ़ने के कारण दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सुरक्षा स्थिति जटिल होती जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ताजा हिंसा नियंत्रित नहीं हुई तो यह क्षेत्रीय स्थिरता और दोनों देशों के राजनयिक रिश्तों पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।