सार

Quetta में Baloch Yakjehti Committee के प्रदर्शन पर पाकिस्तानी पुलिस की बर्बर कार्रवाई, 3 की मौत, दर्जनों घायल। मानवाधिकार कार्यकर्ता Mahrang Baloch गिरफ्तार। जानें पूरी खबर।

 

Balochistan Protest: पाकिस्तान के क्वेटा (Quetta) शहर में बलूच कार्यकर्ताओं (Baloch Activists) के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस ने बर्बर तरीका अपनाया है। पुलिस की अंधाधुंध फायरिंग में कम से कम तीन प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है जबकि दर्जनों घायल हैं। पाकिस्तान पुलिस ने प्रदर्शन की अगुवाई कर रहीं मानवाधिकार कार्यकर्ता महरंग बलूच को (Mahrang Baloch) को भी गिरफ्तार कर लिया गया।

BYC का दावा - पुलिस ने बरसाईं गोलियां, शव तक उठाए

बलूच यकजहती कमेटी (Baloch Yakjehti Committee - BYC) ने दावा किया कि प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस, वॉटर कैनन का इस्तेमाल करने के साथ गोलियां बरसायीं गई। BYC ने अपने आधिकारिक पोस्ट में लिखा: पुलिस और राज्य एजेंसियों ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया, जिसमें 3 बलूच युवाओं की शहादत हो गई और दर्जनों घायल हो गए।

वीडियो फुटेज में सामने आया कि पाकिस्तानी सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों को घसीटते और पीटते दिख रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि पुलिस जबरन धरनास्थल में घुसी और अंतिम संस्कार के लिए रखे शवों को उठा ले गई।

किन मांगों को लेकर था प्रदर्शन?

बीवाईसी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि यह धरना प्रदर्शन बलूच कार्यकर्ता बेबरंग (Bebarg), उनके भाई हम्माल (Hammal), डॉक्टर इलियास (Dr. Ilyas) और कई बलूच महिलाओं की जबरन गुमशुदगी के खिलाफ किया जा रहा है।

शुक्रवार देर रात महरंग बलूच ने वीडियो संदेश जारी कर पूरे बलूचिस्तान (Balochistan) में शनिवार को शटडाउन की अपील की थी। इसके कुछ घंटों बाद ही पुलिस ने प्रदर्शन पर कार्रवाई शुरू कर दी।

 

 

BYC का इतिहास और बलूच आंदोलन

बलूच यकजेहती कमेटी (BYC) को बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ आवाज उठाने वाला संगठन माना जाता है। BYC की स्थापना खुद महरंग बलूच ने 2018 में तब की थी जब उनके भाई को पाकिस्तानी एजेंसियों ने अगवा कर लिया था। बलूच कार्यकर्ता लंबे समय से पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों पर जबरन अपहरण, उत्पीड़न और मानवाधिकार हनन के आरोप लगाते रहे हैं। BYC ने घोषणा की है कि इस क्रैकडाउन के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन और हड़ताल होगी। बलूच कार्यकर्ताओं और मानवाधिकार संगठनों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से पाकिस्तान में हो रहे अत्याचारों पर हस्तक्षेप करने की अपील की है।