सार
देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार हिंदू आध्यात्मिक नेता चिनमय कृष्ण दास की जमानत याचिका बांग्लादेश की एक अदालत ने खारिज कर दी है. चटगांव अदालत में सुनवाई के बाद जमानत याचिका खारिज कर दी गई.
देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार हिंदू आध्यात्मिक नेता चिनमय कृष्ण दास को बांग्लादेश की अदालत ने झटका दिया है. देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार चिनमय कृष्ण दास ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. जिसके बाद आज कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. चटगांव कोर्ट में करीब 30 मिनट तक दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जज ने चिनमय कृष्ण दास की जमानत याचिका खारिज कर दी.
कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेशी:
सुबह करीब 11:40 बजे सुप्रीम कोर्ट के 11 वकील, वकील अपूर्व कुमार भट्टाचार्य के नेतृत्व में दो मिनी बसों में पुलिस सुरक्षा में कोर्ट परिसर से रवाना हुए. इससे पहले 3 दिसंबर, 2024 को, चटगांव अदालत ने जमानत पर सुनवाई के लिए 2 जनवरी, 2025 की तारीख तय की थी. लेकिन वकील के अधिकार की कमी और वकीलों की अनुपस्थिति के कारण याचिका खारिज कर दी गई थी.
बांग्लादेश के झंडे का अपमान करने के आरोप में उनकी गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए. बाद में देशद्रोह का मामला दर्ज कर हिंदू संत चिनमय कृष्ण दास को 25 नवंबर को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार कर लिया गया था.
लेकिन बांग्लादेश हिंदू बौद्ध क्रिश्चियन यूनिटी काउंसिल (BHBCOP) ने 29 दिसंबर 2024 को चिनमय दास के खिलाफ दर्ज मामले को झूठा और उत्पीड़न का मामला बताया है और कहा है कि चिनमय दास को परेशान करने के इरादे से गिरफ्तार किया गया है.