सार

आलीशान सुविधाओं और महलनुमा जिंदगी जीने वाले राजघराने की कमाई का जरिया क्या होता है? क्या आप जानते हैं कि जनता के टैक्स के पैसों से ही राजघराने का खर्चा चलता है? इस पैसे को 'सॉवरेन ग्रांट' कहा जाता है।

दुनिया के सबसे ताकतवर परिवारों में से एक, ब्रिटिश राजघराने की आलीशान जिंदगी और शाही ठाठ-बाट हमेशा से ही चर्चा का विषय रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनकी कमाई का जरिया क्या है? असल में, जनता के टैक्स के पैसों से ही राजघराने का खर्चा चलता है। इस पैसे को 'सॉवरेन ग्रांट' कहा जाता है, जिसका इस्तेमाल राजा और उनके परिवार के सरकारी कामकाज और महलों के रखरखाव पर होता है। राजघराने की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, उन्हें 'क्राउन एस्टेट' के मुनाफे में से भी हिस्सा मिलता है। दरअसल, 'क्राउन एस्टेट' का प्रबंधन सरकार करती है और उससे होने वाला मुनाफा राजा को ग्रांट के तौर पर दे दिया जाता है। 2021-22 और 2022-23 में ब्रिटिश सरकार ने राजघराने को करीब 113 मिलियन डॉलर (लगभग एक हज़ार करोड़ रुपये) की सॉवरेन ग्रांट दी थी।

ब्रिटिश राजघराने के पास 'डची ऑफ लैंकेस्टर' नाम की एक निजी संपत्ति भी है, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी होती है। मौजूदा राजा, किंग चार्ल्स तृतीय की सालाना कमाई करीब 25 मिलियन डॉलर है, जिसमें उनकी निजी संपत्ति से होने वाली कमाई भी शामिल है। उनकी कुल संपत्ति 750 मिलियन डॉलर आंकी गई है। वहीं, उनके बेटे प्रिंस विलियम और उनकी पत्नी केट मिडलटन की सालाना कमाई 30 मिलियन डॉलर है। हालाँकि, उन्हें सिर्फ अपनी संपत्तियों से होने वाले मुनाफे का ही अधिकार है, उन्हें बेच नहीं सकते।

चार्ल्स के छोटे बेटे प्रिंस हैरी साल 2020 से ही राजघराने से अलग हो चुके हैं। इससे पहले उन्हें 'डची ऑफ लैंकेस्टर' से आमदनी होती थी। फिलहाल, हैरी और उनकी पत्नी मेघन मार्कल को राजघराने से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है। महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की बेटी राजकुमारी ऐनी को 1971 से ही एक निश्चित रकम सालाना भत्ता के तौर पर मिलती आ रही है, जो फिलहाल 21 मिलियन डॉलर है। वहीं, एलिजाबेथ के दूसरे बेटे प्रिंस एडवर्ड को 1982 से ही हर साल करीब 8.5 मिलियन डॉलर मिलते हैं। एलिजाबेथ के एक और बेटे प्रिंस एंड्रयू ने 2019 में राजघराना छोड़ दिया था। इससे पहले उन्हें हर साल 3.27 लाख डॉलर मिलते थे।