सार
संयुक्त राष्ट्र की पूर्व कर्मचारी एम्मा रेली ने दावा किया है कि चीन उइगर नरसंहार (Uyghur Genocide) को दबाए रखना चाहता है। चीनी सरकार उइगर नरसंहार पर जवाब देना तो दूर चर्चा भी नहीं चाहती।
बीजिंग। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की पूर्व कर्मचारी एम्मा रेली ने दावा किया है कि चीन उइगर नरसंहार (Uyghur Genocide) को दबाए रखना चाहता है। चीनी सरकार उइगर नरसंहार पर जवाब देना तो दूर चर्चा भी नहीं चाहती। वह इसे दबाए रखना चाहती है। एम्मा रेली ने कहा कि चीन उइगर लोगों की जासूसी मानवाधिकारों के शीर्ष वैश्विक निकाय संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय (OHCHR) से करवाता है।
रेली के अनुसार चीनी सरकार ने 20 से 25 लोगों की OHCHR (Office of the United Nations High Commissioner for Human Rights) से जासूसी कराई। इसके आधार पर कई उइगर लोग चीन की जेलों में बंद हैं या मार दिए गए हैं। बता दें कि बीते सप्ताह OHCHR ने प्रेस से बात करने और सोशल मीडिया के उपयोग की मनाही के निर्देश की अवहेलना पर रेली को नौकरी से निकाल दिया था। कुछ दिन पहले तक उन्हें व्हिसिलब्लोअर के तौर पर विशेष सुरक्षा दी गई थी।
उइगरों के खिलाफ लंबे समय से हो रहा उत्पीड़न
दरअसल, चीन के शिनजियांग प्रांत में रहने वाले उइगरों के खिलाफ लंबे समय से नरसंहार और उत्पीड़न हो रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार चीन की जेल में 10 लाख से अधिक उइगर मुसलमान कैद हैं। उइगर तुर्की के मुसलमान हैं, जिन्होंने मंगोलिया और तुर्कमेनिस्तान से आकर चीन के शिनजियांग में रहना शुरू किया था।
चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार 1 करोड़ 10 लाख से अधिक उइगर मुसलमानों को अमानवीय रूप से प्रताड़ित कर रही है। कई लोग उइगर नरसंहार की तुलना यहूदी नरसंहार से कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों के अनुसार 10 लाख से अधिक उइगर और अन्य मुस्लिम अल्पसंख्यकों को चीन की सरकार ने विशेष शिविरों में रखा है। इन कैंपों में प्रताड़ना के हर तरह के इंतजाम हैं।
एसोसिएटेड प्रेस और जर्मन शोधकर्ता एड्रियन जेंस की रिपोर्ट के अनुसार चीनी सरकार अल्पसंख्यकों में जबरन जन्मदर कम करने के लिए नसबंदी और गर्भपात का बड़े पैमाने पर अभियान चला रही है। इसके चलते अल्पसंख्यकों की जनसंख्या में 84 फीसदी की कमी आई है। शिनजियांग में पिछले तीन साल में 18 लाख से ज्यादा उइगर और अन्य अल्पसंख्यक या तो कैद किए गए या मारे जा चुके हैं।
ये भी पढ़ें
वैश्विक आर्थिक विकास में सेंध लगा सकता है Omicron, IMF प्रमुख ने दी चेतावनी