सार

पाकिस्तान में आई विनाशकारी बाढ़ ने भविष्य में कई चुनौतियों का संकेत दिया है। इकोनॉमी पर बुरा असर पड़ेगा। गांवों से शहरों की ओर पलायन बढ़ने से आर्थिक अंसतुलन पैदा होगा। बता दें कि पाकिस्तान में पिछले 10 साल में ऐसी बाढ़ पहली बार सामने आई है।

वर्ल्ड न्यूज. ये तस्वीर दुनिया के 5वें सबसे अधिक आबादी वाले देश(5th most populated nation in the world) पाकिस्तान की है। पहले से ही आर्थिक संकट से गुजर रहे पाकिस्तान पर बाढ़ कहर बनकर टूटी है। पिछले 10 साल की इस सबसे भीषण बाढ़ ने पाकिस्तान में आने वाले भयंकर संकट की आहट दे दी है। बाढ़ से 1400 से अधिक लोग मारे गए हैं। 10 लाख से अधिक घर नष्ट हो गए हैं। लेकिन सबसे बड़ा संकट आने वाले समय का है। बाढ़ की वजह से पाकिस्तान को करीब 4.5 अरब डॉलर का नुकसान हो चुका है। इसका असर महंगाई पर दिखाई देने लगा है। फसलें बर्बाद होने से सब्जियों के रेट आसमान छूने लगे हैं। पेट्रोल का दाम 235.98 रुपये प्रति लीटर हो चुका है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

5 लाख महिलाएं गर्भवती हैं
पाकिस्तान में बाढ़ग्रस्त इलाकों में करीब 5 लाख महिलाएं गर्भवती हैं। इन्हें मातृ देखभाल( maternal care) की आवश्यकता है। वहीं, लड़कियों पर लिंग आधारित हिंसा( gender-based violence) का खतरा बढ़ गया है। महीनेभर में 73,000 महिलाओं की डिलीवरी की उम्मीद है। यूनाइटेड नेशंस पॉपुलेशन फंड( UNFPA) कीएक सेक्सुअल एंड रिप्रोडक्टिविटी हेल्थ एजेंसी (यौन और प्रजनन स्वास्थ्य एजेंसी) ने विनाशकारी बाढ़ के कारण पाकिस्तानी महिलाओं की पीड़ा को उजागर करते हुए कहा है कि बाढ़ से प्रभावित कम से कम 6.4 मिलियन लोगों को मानवीय सहायता की आवश्यकता है, जिनमें से 16 लाख महिलाएं और लड़कियां हैं।

मां-बच्चे दोनों असुरक्षित
एजेंसी ने कहा कि गर्भधारण और प्रसव( pregnancies and childbirth) इमरजेंसी स्थिति या प्राकृतिक आपदाओं के खत्म होने का इंतजार नहीं कर सकते हैं।  यह एक ऐसी स्थिति है, जब मां और बच्चा दोनों असुरक्षित होते हैं। उन्हें सबसे अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है। यूएनएफपी के पाकिस्तान प्रतिनिधि डॉ बख्तियोर कादिरोव ने कहा कि एजेंसी ग्राउंड पर स्थिति देख रही है। मदद में अपनी भागीदारी कर रही है। उसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गर्भवती महिलाओं और नई माताओं को सबसे चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में भी जीवन रक्षक सेवाएं( life-saving services) मिलती रहें।

रिपोर्ट के अनुसार, सिंध में 1,000 से अधिक स्वास्थ्य सुविधाएं आंशिक रूप से या पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं, जबकि बलूचिस्तान में प्रभावित जिलों में 198 स्वास्थ्य सुविधाओं को नुकसान पहुंचा है। इसमें लड़कियों और महिलाओं को सबसे अधिक दिक्कत हो रही है। इस बीच, UNFPA पाकिस्तान ने सिंध, बलूचिस्तान, केपी और पंजाब में तत्काल डिलीवरी के लिए 8,311 गरिमा किट, 7,411 नवजात शिशु किट और 6,412 स्वच्छ वितरण किट का वितरण शुरू कर दिया है।

इस नई प्राकृतिक आपदा(new natural disaster) से पाकिस्तान को भविष्य में भयंकर संकट से जूझना पड़ सकता है। एक्सपर्ट के अनुसार, इस आपदा से कुछ तात्कालिक परिणाम सामने आएंगे। जैसे-विस्थापन, निरक्षरता में वृद्धि, बेरोजगारी, स्वास्थ्य संकट, पानी और भोजन की कमी, बुनियादी ढांचे की क्षति, मानव जीवन की हानि, फसलों के विनाश, पशुओं के नुकसान। साथ ही संक्रामक बीमारियां फैलेंगी, शहरों की ओर प्रवास बढ़ने से इकोनॉमी पर असर पड़ेगा। पाकिस्तान में  विनाशकारी बाढ़(devastating floods) से मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उत्तर से आए बाढ़ के पानी ने सिंध के दादू जिले में बांधों को तोड़ना शुरू कर दिया है। करीब 12 लाख से अधिक लोगों को प्रभावित किया है।

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