Epstein Scandal 2025 News: अमेरिकी कांग्रेस की कमेटी ने जेफ्री एपस्टीन से जुड़ा एक विवादित पत्र जारी किया, जिस पर ट्रंप के हस्ताक्षर बताए जा रहे हैं। ट्रंप और व्हाइट हाउस दोनों ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे झूठा बताया है।

US Politics Controversy: अमेरिकी राजनीति एक बार फिर बड़े विवाद में घिर गई है। कांग्रेस की हाउस ओवरसाइट कमेटी के डेमोक्रेट्स ने सोमवार को एक कथित यौन संकेतों वाला पत्र सार्वजनिक किया, जिसके बारे में दावा है कि उस पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सिग्नेचर हैं। यह पत्र 2003 में फाइनेंसर जेफ्री एपस्टीन के 50वें जन्मदिन के एल्बम में शामिल था। एपस्टीन को एक समय ट्रंप का करीबी माना जाता था, लेकिन साल 2019 में उसने न्यूयॉर्क जेल में सुसाइड कर लिया। तब वह नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और तस्करी जैसे गंभीर आरोपों में जेल में था।

ट्रंप का सख्त इनकार

ट्रंप ने इन आरोपों को पूरी तरह नकार दिया। उनका कहना है, 'न तो मैंने यह पत्र लिखा और न ही कोई तस्वीर बनाई।' उन्होंने वॉल स्ट्रीट जर्नल के खिलाफ 10 अरब डॉलर का मानहानि मुकदमा भी दायर किया है। ट्रंप का दावा है कि 'ये मेरे शब्द नहीं, न ही मेरा बोलने का तरीका है। और मैं ड्रॉइंग नहीं बनाता।'

व्हाइट हाउस और ट्रंप टीम का रुख

प्रेस सचिव कैरोलीन लेविट ने कहा, 'यह बिल्कुल साफ है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने न तो यह स्केच बनाया और न ही उस पर साइन किए।'डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ टेलर बुडोविच ने ट्रंप के पुराने हस्ताक्षरों की तस्वीरें पोस्ट कर दावा किया कि 'ये सिग्नेचर असली नहीं हैं।' कानूनी टीम ने भी इस पर अटैकिंग स्ट्रैटेजी अपनाने की बात कही है।

ट्रंप-एपस्टीन रिश्तों पर फिर सवाल

यह मामला केवल पत्र तक सीमित नहीं है। दरअसल, एक बार फिर ट्रंप और एपस्टीन की पुरानी दोस्ती सुर्खियों में आ गई है। ट्रंप का कहना है कि उन्होंने 20 साल पहले ही एपस्टीन से दूरी बना ली थी। वजह यह बताई गई कि एपस्टीन ने उनके Mar-a-Lago रिजॉर्ट में काम करने वाली कई लड़कियों को 'खुद से जोड़ा' था। इनमें वर्जीनिया ग्यूफ्रे का नाम भी शामिल है, जिसने एपस्टीन पर यौन तस्करी का आरोप लगाया था।