डबलिन में एक बच्ची से यौन उत्पीड़न के बाद प्रवासियों के खिलाफ विरोध हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर हमला किया और आगजनी की। इस मामले में 3 पुलिसकर्मी घायल हुए और 24 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए।
डबलिन: प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर ईंटें, पटाखे और कांच की बोतलें फेंकीं। आयरलैंड में प्रवासियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी रहा। बुधवार शाम हुए हमलों में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने करीब 24 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है। प्रदर्शनकारियों में ज्यादातर किशोर और युवा हैं। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार किए गए लोगों में 5 नाबालिग लड़के भी शामिल हैं। बुधवार को डबलिन में प्रदर्शनकारी प्रवासियों के रहने की जगह पर पटाखे, कांच की बोतलें और ईंटें लेकर पहुंचे। वहां मौजूद एक पुलिस वैन में प्रदर्शनकारियों ने आग लगा दी। इलाके में पहुंचे पुलिस हेलिकॉप्टर पर लेजर लाइटें मारकर प्रदर्शनकारियों ने उनका मुकाबला किया।
एक शरणार्थी द्वारा 10 साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न की घटना के बाद सोमवार से इलाके में विरोध प्रदर्शन फिर से तेज हो गया। यह हमला डबलिन के एक स्थानीय इलाके में हुआ था। इसके बाद शरणार्थियों और प्रवासियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन और भी उग्र हो गया। पुलिस ने मंगलवार को 10 साल की बच्ची पर हमला करने के आरोप में 26 साल के एक युवक को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक, यह हमला सिटी वेस्ट होटल के पास हुआ, जहां प्रवासी रहते थे। इसी के बाद प्रदर्शनकारी होटल के पास जमा हो गए।
शरणार्थियों के ठिकाने, होटल के सामने तीसरे दिन भी प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी बगीचों में इस्तेमाल होने वाले घास काटने के औजारों के साथ इलाके में पहुंचे थे। डबलिन के सैगार्ट में सिटीवेस्ट होटल में रहने वाले ज्यादातर लोग शरणार्थी हैं। शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन देखते ही देखते हिंसक हो गया। आयरलैंड के न्याय मंत्री ने मीडिया को बताया कि प्रदर्शनकारियों को इलाके से हटा दिया गया है और फिलहाल स्थिति ऐसी नहीं है कि लोगों की सुरक्षा को कोई खतरा हो। मंत्री ने साफ किया कि लोगों के विरोध को इस तरह हथियार बनाने की कोशिशों से सख्ती से निपटा जाएगा। मंत्री ने यह भी कहा कि पुलिस और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना कोई समाधान नहीं है और इससे किसी को भी सुरक्षित महसूस नहीं होता।
डबलिन का यह विरोध प्रदर्शन जून में उत्तरी आयरलैंड में हुए विरोध प्रदर्शन जैसा ही है। जून में भी इसी तरह का विरोध प्रदर्शन तब हुआ था, जब कुछ किशोर प्रवासियों ने बलात्कार की कोशिश की थी। पुलिस कमिश्नर जस्टिन केली का कहना है कि मौजूदा हालात ऐसे हैं कि प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। 300 से ज्यादा पुलिस अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर विरोध को काबू में किया। पुलिस का कहना है कि सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे नफरती भाषणों से स्थिति और भी खराब हो रही है।
