मामूली टैक्सी ड्राइवर कैसे बना करोड़पति, यूं हुआ किस्मत बदलने वाला चमत्कार
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तीन साल पहले, एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले की सरकार ने बिटकॉइन क्रिप्टोकरेंसी को कानूनी डिजिटल मुद्रा के रूप में मान्यता देने का फैसला किया था। नेपोलियन खुशी-खुशी बताते हैं कि इस घोषणा ने उनकी जिंदगी बदल दी।
एल साल्वाडोर के राष्ट्रपति नायब बुकेले ने 3 साल पहले डॉलर के जरिए पैसे भेजने के तरीके के विकल्प के तौर पर बिटकॉइन को कानूनी तौर पर प्रचलन में लाने की घोषणा की थी। क्रिप्टोकरेंसी को लेकर वैश्विक संस्थानों की अस्थिरता संबंधी चेतावनियों के बावजूद, एल साल्वाडोर के लोगों ने लाखों डॉलर के टैक्स के पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश किया।
इसका नतीजा यह हुआ कि नेपोलियन की जिंदगी ही बदल गई। 39 वर्षीय उधमी नेपोलियन ओसोरियो कहते हैं, "पहले मैं बेरोजगार था... अब मेरा अपना कारोबार है।" पहले किराये की कार चलाने वाले नेपोलियन ने अपने ग्राहकों को बिटकॉइन के जरिए सवारी का भुगतान करने की सुविधा दी।
इससे जल्द ही पैसा कमाना शुरू करने वाले नेपोलियन अब खुद की रेंटल कार कंपनी चलाते हैं। ओसोरियो, माई फर्स्ट बिटकॉइन नामक एनजीओ के अमेरिकी संस्थापक जॉन डेनेही की सराहना करते हैं, जिन्होंने उन्हें ग्राहकों से क्रिप्टोकरेंसी के जरिए भुगतान लेने के तरीके का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित किया।
नेपोलियन ओसोरियो अब बिट-ड्राइवर नाम से रेंटल कार कंपनी चलाते हैं, जिसमें 21 ड्राइवर काम करते हैं। उन्होंने बताया कि वह क्रिप्टोकरेंसी के जरिए चार नई कारें खरीदने में सफल रहे हैं।
पत्नी से तलाक ले चुके ओसोरियो अपने दो बच्चों के साथ रहते हैं और उनका कहना है कि अब उन्हें बच्चों की पढ़ाई के लिए जूझना नहीं पड़ेगा।
7 सितंबर, 2021 को बिटकॉइन को कानूनी मान्यता देने की घोषणा करते हुए, राष्ट्रपति बुकेले ने कहा था कि वह बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल नहीं करने वाले 70 प्रतिशत एल साल्वाडोर के लोगों को क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय प्रणाली में लाना चाहते हैं। उन्होंने तुरंत टैक्स के पैसे को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करना शुरू कर दिया।
देश के लोगों को बिटकॉइन का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित करने के लिए उन्होंने चिबो वॉलेट (Chivo Wallet) नामक एक मोबाइल ऐप्लिकेशन तैयार किया। इससे देश के लोगों को मुफ्त में बिटकॉइन भेजने और प्राप्त करने की सुविधा मिली। इस ऐप से जुड़ने वाले प्रत्येक नए उपयोगकर्ता को 30 डॉलर का बोनस भी मिला।
क्रिप्टोकरेंसी के आधिकारिक इस्तेमाल के कारण, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) एल साल्वाडोर को 1.3 बिलियन डॉलर का कर्ज देने से हिचकिचा रहा था। हालांकि, पिछले अगस्त में, उसने एल साल्वाडोर के साथ शुरुआती कर्ज समझौते की घोषणा की। साथ ही, संभावित जोखिमों को कम करने के लिए एल साल्वाडोर सरकार को आगाह भी किया है।
भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी क्षेत्र की समीक्षा कर रही है और सख्त नियमों को लागू करने पर विचार कर रही है। भारतीय रिजर्व बैंक का मानना है कि क्रिप्टोकरेंसी को मुद्रा नहीं कहा जा सकता है और क्रिप्टोकरेंसी का कोई आधारभूत मूल्य नहीं है। दुनिया भर के देशों का मानना है कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी वित्तीय प्रणालियों के लिए खतरा पैदा कर सकती है।