सार

एलोन मस्क (Elon Musk) की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) को इंसान के दिमाग में ऐसा इम्प्लांट (एक तरह का चिप) लगाने की अनुमति मिल गई है जो ब्रेन को सीधे कंप्यूटर से जोड़ देगा।

सैन फ्रांसिस्को। अरबपति कारोबारी एलोन मस्क (Elon Musk) की कंपनी न्यूरालिंक (Neuralink) को अमेरिकी नियामक से इंसानी दिमाग में इम्प्लांट्स (एक तरह का चिप) लगाने की अनुमति मिल गई है। गुरुवार को न्यूरालिंक ने यह जानकारी दी।

न्यूरालिंक ने बताया कि उसे अमेरिका के FDA (Food and Drug Administration) से इंसान के दिमाग में इम्प्लांट्स लगाने की इजाजत मिली है। अब वह इंसानी दिमाग में इम्प्लांट्स लगाकर टेस्ट कर पाएगी। इस इम्प्लांट्स से इंसान का दिमाग सीधे कंप्यूटर से जुड़ जाएगा।

न्यूरालिंक ने ट्वीट किया, "हम यह बताने के लिए उत्साहित हैं कि हमें अपना पहला मानव क्लीनिकल स्टडी शुरू करने के लिए एफडीए की मंजूरी मिल गई है। यह FDA के साथ Neuralink टीम द्वारा किए गए करीबी सहयोग और अविश्वसनीय काम का रिजल्ट है।"

न्यूरालिंक ने कहा- अभी शुरू नहीं हुई है क्लीनिकल ट्रायल के लिए भर्ती

न्यूरालिंक ने बताया है कि अभी क्लीनिकल ट्रायल के लिए भर्ती शुरू नहीं हुई है। मस्क ने दिसंबर में कहा था कि न्यूरालिंक इम्प्लांट का उद्देश्य इंसानी दिमाग को सीधे कंप्यूटर के साथ जुड़ने में सक्षम बनाना है। मस्क ने कहा था, "हम अपने पहले मानव इम्प्लांट के लिए तैयार होने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। इस बात का खास ध्यान रखा जा रहा है कि इम्प्लांट इंसान के ब्रेन में डालने के बाद अच्छी तरह से काम करे।"

न्यूरालिंक ने बंदरों के दिमाग में लगाए हैं इम्प्लांट
जुलाई 2019 में मस्क ने कहा था कि न्यूरालिंक 2020 तक पहला इंसानी टेस्ट कर सकेगी। न्यूरालिंक द्वारा इंसान के दिमाग में लगाया जाने वाला इम्प्लांट सिक्के के आकार का है। इसे कंपनी ने बंदर के दिमाग में डालकर टेस्ट किया है। न्यूरालिंक ने अपने प्रेजेंटेशन में कई बंदरों को वीडियो गेम खेलते और स्क्रीन पर कर्सर को घुमाते दिखाया है।

मस्क ने कहा है कि उनकी कंपनी ऐसे लोगों के दिमाग में इम्प्लांट लगाएगी जो देखने या चलने-फिरने की क्षमता खो चुके हैं। बता दें कि इसी तरह के सिस्टम पर काम करने वाली अन्य कंपनियों में सिंक्रोन भी शामिल है। इसने पिछले साल जुलाई में घोषणा की कि उसने अमेरिका में पहला ब्रेन-मशीन इंटरफेस लगाया है।