सार
4 महीने बाद इजरायल-फिलिस्तीन के बीच फिर से युद्ध के आसार बन रहे हैं। इजरायली सेना (Israeli military) ने दावा किया है कि गाजा पट्टी (Gaza Strip) से फिर से रॉकेट दागे गए हैं।
तेल अवीव, इजरायल. मई में 11 दिन के जबर्दस्त खूनी संघर्ष के बाद दुनिया के दवाब में इजरायल-फिलिस्तीन के बीच संघर्ष विराम हो गया था। लेकिन अब फिर से लड़ाई छिड़ने की आशंका पैदा होने लगी है। गाजा पट्टी (Gaza Strip) की ओर से एक बार फिर इजरायल (Israel) की तरफ रॉकेट (Rocket Attack) दागे गए हैं। इजरायली सेना (Israeli military) ने दावा किया है कि फलस्तीनी मिलिशियाओं (Palestinian militants) ने रविवार रात गाजा पट्टी की तरफ से इजरायल की तफर रॉकेट से हमला किया। हालांकि इजरायल के मिसाइल डिफेंस सिस्टम ने उन्हें नाकाम कर दिया।
इजरायल की जेल से भाग निकले थे 6 फिलिस्तीन कैदी
बता दें कि पिछले हफ्ते इजरायल की जेल से 6 फिलिस्तीन कैदी फरार हो गए थे। हालांकि इनमें से 4 को दुबारा पकड़ लिया गया था, लेकिन 2 की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है। कहा जा रहा है कि इसी से बौखलाए फिलिस्तीन के चरमपंथी संगठन हमास ने इजरायल पर तीन रॉकेट दागे। इस मामले को लेकर मिस्र समझौता कराना चाहता है। हमास चाहता है कि इजरायल गाजा पर लगी आर्थिक नाकेबंदी को हटा दे। इजरायल चाहता है कि हमास उसके 2 इजरायली नागरिकों को रिहा करे। इसके अलावा 2 मृत इजरायली सैनिकों के अवशेष भी लौटाए।
मई में 11 दिन चला था युद्ध
मई में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 11 दिन खूनी संघर्ष चला था। 12वें दिन इजरायल ने गाजा पट्टी में अपना सैन्य अभियान रोकने की मंजूरी दी थी। माना जा रहा था कि अमेरिका के दबाव में यह फैसला किया गया था। अमेरिका पर मुस्लिम देश इसके लिए दबाव बना रहे थे। बता दें कि इस संघर्ष में 64 बच्चों और 38 महिलाओं सहित फिलिस्तीन से 227 लोग मारे गए थे। वहीं, 1620 लोग घायल हुए थे। इजरायल में 11 लोग मारे गए थे। हमास और इस्लामिक जिहाद ने अपने 20 लड़ाकों के मारे जाने की पुष्टि की थी, लेकिन इजरायल ने यह संख्या 130 बताई
थी। इस संघर्ष में गाजा पट्टी बर्बाद गई थी।
नफ्ताली के हाथ है अब इजरायल की कमान
करीब 12 साल तक इजरायल के प्रधानमंत्री रहे बेंजामिन नेतन्याहू का अगस्त में कार्यकाल खत्म हो गया था। उनके बाद नफ्ताली बेनेट प्रधानमंत्री बने थे।
7 साल बाद फिर से हिंसक झड़पें
दोनों देशों के बीच 2014 में भी इसी तरह की हिंसक झड़प हुई थी। अक्सा मस्जिद से कुछ फिलीस्तीनियों ने 9 मई को को पत्थर बरसाए थे। इसके बाद फिलीस्तीन के गुट हमास ने यरुशलम पर रॉकेट दाग दिए। इजरायल ने इस हमले के करीब घंटेभर बाद गाजा पट्टी पर एयर स्ट्राइक कर दी थी। इजरायल ने गाजा पट्टी के जिस इलाके पर रॉकेट दागे, वो हमास का गढ़ माना जाता है।
1967 से चला आ रहा संघर्ष
दरअसल, यरुशलम स्थित शेख जर्राह को लेकर यह विवाद चला आ रहा है। इस इलाके को यहूदी और मुस्लिम दोनों ही अपना पवित्र स्थल मानते हैं और अपना-अपना दावा करते हैं। 1967 के अरब-इजराइल युद्ध में जीत के बाद इजराइल हर साल यरूशलम डे मनाता है। मई को इजरायल इसी जीत का जश्न मना रहा था। इसी जगह मौजूद अल अक्सा मस्जिद के बाहर फिलीस्तिनयों ने इजरायल के सैनिकों पर पत्थर फेंके थे। यह मस्जिद पुराने यरुशलम में हैं। इसी कुछ दूरी पर यहूदियों का टेम्पल माउंट भी है। इजरायल यरुशलम को में डेवलपमेंट कर रहा है, फिलीस्तीन इससे चिढ़ा हुआ है। वो दुनियाभर के देशों से इजरायल को रोकने की मांग उठा रहा है। फिलीस्तीन दावा करता है यह क्षेत्र उसका है।