सार

भारतीय वायु सेना के लिए एयरबस द्वारा बनाए गए पहले C295 विमान ने उड़ान भरी है। भारत ने 56 C295 विमान खरीदने का सौदा किया है। 16 विमान तैयार हालत में मिलेंगे। 40 को भारत में बनाया जाएगा।

 

सेविले (स्पेन)। विमान बनाने वाली यूरोपीय कंपनी एयरबस ने सोमवार को जानकारी दी कि भारत के लिए बनाए गए पहले C295 विमान ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी है। इसकी डिलीवरी साल 2023 की दूसरी छमाही में शुरू होगी। C295 एक ट्रांसपोर्ट विमान है। इसका इस्तेमाल सैनिकों को लड़ाई के मैदान में पहुंचाने से लेकर कई और काम में होता है। भारतीय कंपनी टाटा से इसका खास नाता है। भारत में इसका निर्माण टाटा द्वारा किया जाएगा।

एयरबस द्वारा जारी किए गए बयान के अनुसार C295 विमान ने 5 मई को स्थानीय समय अनुसार 11.45 बड़े टेकऑफ और 14.45 बजे लैंडिंग की। विमान तीन घंटे हवा में रहा। इस दौरान इसका टेस्ट किया गया। एयरबस डिफेंस एंड स्पेस में मिलिट्री एयर सिस्टम्स के प्रमुख जीन ब्राइस ड्यूमॉन्ट ने कहा कि यह पहली उड़ान मेक इन इंडिया एयरोस्पेस प्रोग्राम के लिए महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारतीय वायु सेना दुनिया में C295 का सबसे बड़ा ऑपरेटर बनने के लिए तैयार है। इस प्रोग्राम से भारतीय वायु सेना के परिचालन क्षमता में सुधार होगा।

56 C295 विमान खरीद रहा भारत

भारत ने एयरबस से 56 विमानों की खरीद के लिए सितंबर 2021 में सौदा किया था। वायु सेना इस विमान से अपने पुरान हो गए एवरो बेड़ा को बदलेगी। सौदे के अनुसार पहले 16 विमानों को स्पेन के सेविले में तैयार किया जाएगा। ये विमान उड़ने की स्थिति में भारत को मिलेंगे। बचे हुए 40 विमानों को भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (TASL) द्वारा बनाया जाएगा। इसके लिए टाटा और एयरबस के बीच समझौता हुआ है।

C295 प्रोग्राम के तहत बनाए जाएंगे 280 विमान

एयरबस का C295 प्रोग्राम भारत में मिलिट्री-इंडस्ट्रियल इकोसिस्टम बनाने में महत्वपूर्ण होगा। इसमें विमान बनाने से लेकर उसे टेस्ट करने, दूसरे देश को बेचने और रखरखाव करने तक शामिल है। C295 प्रोग्राम के तहत 39 संचालकों के लिए 280 विमान तैयार किए जाने हैं।

C295 विमान लाइट और मिडियम सेगमेंट का नए जेनरेशन का विमान है। एयरबस के अनुसार यह मल्टी रोल विमान है। इसे हर तरह के मौसम में ऑपरेट किया जा सकता है। दिन हो या रात यह हर वक्त उड़ान भर सकता है। इसका इस्तेमाल अत्यधिक गर्मी वाले रेगिस्तानी इलाके से लेकर ठंडे पहाड़ी इलाकों में भी हो सकता है।