सार

भूवैज्ञानिकों ने बड़ा रहस्योद्घाटन किया है। भूवैज्ञानिकों ने करीब 375 वर्षों के बाद पूरी तरह से डूब चुके महाद्वीप जीलैंडिया की खोज की है। इस पृथ्वी का 8वां महाद्वीप बताया जा रहा है। इस खोज के बाद से धरती के भूगोल को समझने में ज्यादा आसानी हो जाएगी।

What is Zealandia. भूवैज्ञानिकों ने लगभग 375 सालों के बाद एक आश्चर्यजनक खोज की है। उनकी खोज में एक महाद्वीप का अस्तित्व सामने आया है, जिसका लंबे समय से पता नहीं चल पा रहा था। Phys.org की रिपोर्ट के अनुसार भूवैज्ञानिकों और भूकंप विज्ञानियों की टीम ने बहुत ही सावधानी के साथ जीलैंडिया का लेटेस्ट मैप तैयार कर लिया है। इसे रिउ-ए-माउई के नाम से भी जाना जाता है। यह रहस्योद्घाटन समुद्र तल से मिले चट्टानों के नमूनों का विष्लेषण करने के बाद सामने आया है। इस खोज के निष्कर्षों को टेक्टोनिक्स मैगजीन में भी प्रकाशित किया गया है।

कितना लंबा चौड़ा है जीलैंडिया महाद्वीप

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जीलैंडिया करीब 1.89 मिलियन वर्ग मील यानि 4.9 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला है। यह विशाल महाद्वीप के रूप में उभरा है, जो कि मेडागास्कर के आकार का लगभग छह गुना बड़ा है। इस अभूतपूर्व खोज में शामिल वैज्ञानिकों की टीम का दावा है कि जीलैंडिया को शामिल करने के साथ दुनिया में अब कुल 8 महाद्वीप हो गए हैं। यह नया जुड़ा बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पृथ्वी पर सबसे छोटा, सबसे पतला और सबसे युवा महाद्वीप है। मौजूदा जानकारी के अनुसार जीलैंडिया समुद्र की सतह के नीचे डूबा हुआ है। इसके भूभाग का एक छोटा सा हिस्सा द्वीपों के तौर पर सतह पर है। यह न्यूजीलैंड की तरह ही है।

भूवैज्ञानिकों की खोज का नतीजा

न्यूजीलैंड क्राउन रिसर्च इंस्टीट्यूट जीएनएस साइंस के भूविज्ञानी एंडी टुलोच ने इस खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह उदाहरण है कि कैसे किसी बहुत ही स्पष्ट चीज को उजागर करने में थोड़ा समय लग सकता है। जीलैंडिया के बारे में कोई भी खोज हमेशा वैज्ञानिकों के लिए बड़ी चुनौती रही है। इस छिपे हुए महाद्वीप के बारे में जानकारी हासिल करने के लिए शोधकर्ताओं ने समुद्र तल से मिले चट्टानों के नमूने की जांच की। Phys.org की रिपोर्ट बताती है कि इन चट्टानों के नमूनों के पश्चिम अंटार्कटिका में दिलचस्प भूगर्भिक पैटर्न का पता चलता है। यह न्यूजीलैंड के पश्चिमी तट पर स्थित कैंपबेल पठार के पास सबडक्शन क्षेत्र के अस्तित्व की ओर इशारा करता है। जीलैंडिया की उत्पत्ति का पता गोंडवाना के प्राचीन महाद्वीप से लगाया जा सकता है, जिसने लगभग 550 मिलियन वर्ष पहले आकार लिया था।

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