सार
गूगल और अल्फाबेट के सीईओ भारतीय-अमेरिकी सुंदर पिचाई को ट्रेड एंड इंडस्ट्री कैटेगरी में 2022 के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। मदुरै में जन्मे पिचाई को इस साल की शुरुआत में 17 पुरस्कार विजेताओं में से एक नॉमिनेट किया गया था।
वाशिंगटन(Washington).गूगल और अल्फाबेट के सीईओ(Google and Alphabet CEO Sundar Pichai) भारतीय-अमेरिकी सुंदर पिचाई को ट्रेड एंड इंडस्ट्री कैटेगरी में 2022 के लिए पद्म भूषण(Padma Bhushan award) से सम्मानित किया गया। मदुरै में जन्मे पिचाई को इस साल की शुरुआत में 17 पुरस्कार विजेताओं में से एक नॉमिनेट किया गया था। इस मौके पर पिचाई ने कहा-"भारत मेरा हिस्सा है और मैं जहां भी जाता हूं, इसे अपने साथ ले जाता हूं।"
भारत का तीसरा सबसे बड़ा अवार्ड है
सुंदर पिचाई को शुक्रवार(2 दिसंबर) को सैन फ्रांसिस्को में अपने करीबी परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार मिला। पिचाई ने कहा-"मैं इस अपार सम्मान के लिए भारत सरकार और भारत के लोगों का हृदय से आभारी हूं।" अमेरिका में भारत के राजदूत तरणजीत सिंह संधू(India's Ambassador to the US, Taranjit Singh Sandhu) से पुरस्कार स्वीकार करते हुए 50 वर्षीय पिचाई ने कहा कि जिस देश ने मुझे आकार दिया, इस तरह से सम्मानित किया जाना अविश्वसनीय रूप से सार्थक है। उन्होंने कहा, "भारत मेरा एक हिस्सा है। मैं जहां भी जाता हूं, इसे अपने साथ ले जाता हूं। (इस खूबसूरत पुरस्कार के विपरीत, जिसे मैं कहीं सुरक्षित रखूंगा)।"
पिचाई ने कहा, "मैं भाग्यशाली था कि मैं एक ऐसे परिवार में पला-बढ़ा, जिसने माता-पिता के साथ सीखने और ज्ञान को ग्रो किया।" पिचाई ने कहा मेरे माता-पिता ने यह सुनिश्चित करने के लिए बहुत त्याग किया कि मुझे अपनी रुचियों का पता लगाने के अवसर मिले।"
पिचाई परिवर्तन के लिए टेक्नोलॉजी की असीम संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करते है
समारोह के दौरान सैन फ्रांसिस्को में भारत के महावाणिज्यदूत टीवी नागेंद्र प्रसाद(India's Consul General in San Francisco,TV Nagendra Prasad) भी मौजूद थे। संधू ने कहा कि पिचाई ट्रांसफॉर्मेशन के लिए टेक्नोनॉजी की असीम संभावनाओं का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्होंने कहा, "वह दुनिया के विभिन्न हिस्सों में समाज के विभिन्न वर्गों के लिए डिजिटल टूल्स और स्किल्स एसेसबल को सुलभ बनाने की दिशा में सराहनीय प्रयास कर रहे हैं।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 3एस-गति, सरलता और सेवा( 3Ss - speed, simplicity and service) को संयोजित करने वाली प्रौद्योगिकी के दृष्टिकोण को याद करते हुए संधू ने आशा व्यक्त की कि गूगल भारत में हो रही डिजिटल क्रांति का पूरा उपयोग करेगा।
पिचाई ने कहा कि टेक्नोलॉजी चेंज की तीव्र गति को देखने के लिए वर्षों में कई बार भारत लौटना आश्चर्यजनक रहा है। उन्होंने कहा कि भारत में किए गए इनोवेशन-डिजिटल पेमेंट्स से लेकर डिजिटल रिवोल्युशन दुनिया भर के लोगों को लाभान्वित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, "मैं Google और भारत के बीच महान साझेदारी को जारी रखने की आशा करता हूं, क्योंकि हम प्रौद्योगिकी के लाभों को अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए मिलकर काम करते हैं।"
पिचाई ने कहा कि व्यवसाय डिजिटल परिवर्तन के अवसरों को भुना रहे हैं और पहले से कहीं अधिक लोगों की इंटरनेट तक पहुंच है, जिसमें ग्रामीण गांव भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का डिजिटल इंडिया विजन निश्चित रूप से उस प्रगति के लिए एक त्वरक(accelerator) रही है। मुझे गर्व है कि Google दो परिवर्तनकारी दशकों में सरकारों, व्यवसायों और समुदायों के साथ साझेदारी करते हुए भारत में निवेश करना जारी रखे हुए है।
पिचाई ने कहा-"हमारे दरवाजे पर आने वाली हर नई तकनीक ने हमारे जीवन को बेहतर बनाया है। और उस अनुभव ने मुझे Google के रास्ते पर और दुनिया भर में लोगों के जीवन को बेहतर बनाने वाली तकनीक बनाने में मदद करने का मौका दिया।"
पिचाई ने कहा कि उन्हें आगे काफी मौके नजर आ रहे हैं। भारत द्वारा G20 की अध्यक्षता संभालने पर पिचाई ने कहा: "यह एक ऐसे इंटरनेट को आगे बढ़ाकर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत करने पर सहमति बनाने का एक अद्भुत अवसर है जो ओपन, कनेक्टेड, सुरक्षित और सभी के लिए काम करता है। यह एक गोल है, जिसे हम शेयर करते हैं और आपके साथ आगे बढ़ने के लिए कमिटेड हैं।"
बता दें कि भारत ने गुरुवार को औपचारिक रूप से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है। पिचाई ने कहा, मैं इस काम को एक साथ करने और प्रौद्योगिकी के लाभों को अधिक लोगों तक पहुंचाने के अवसर के लिए आभारी हूं। Google ने इस वर्ष मशीन लर्निंग में एक नई प्रगति का उपयोग करते हुए अपनी ट्रांसलेशन सर्विस में 24 नई भाषाएं जोड़ीं हैं। इनमें से आठ भारत की मूल भाषाएं हैं।
पिचाई ने कहा-"यह देखना बहुत मायने रखता है कि लोग अपनी पसंदीदा भाषा में जानकारी और ज्ञान कैसे प्राप्त कर सकते हैं। यही कारण है कि मैं प्रौद्योगिकी के बारे में इतना आशावादी बनी हुई हूं और यह कारण है कि मैं मानता हूं कि भारत नेतृत्व कर सकता है और उसे इसे जारी रखना चाहिए।"
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