सार
एएफयू की नजर उन पैसों पर है जो गुप्ता बंधुओं ने अमेरिका, ब्रिटेन और यूएई भेजा। सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया कि एएफयू गैरकानूनी ढंग से अमेरिका भेजे गए पैसे को वापस पाने की दिशा में काम कर रहा है और इसमें अमेरिकी अधिकारी सहयोग कर रहे हैं।
जोहानिसबर्ग: दक्षिण अफ्रीका के अधिकारियों ने भारतीय मूल के गुप्ता बंधुओं के अरबों रेंड (दक्षिण अफ्रीकी मुद्रा) की धनराशि को जप्त करने के प्रयास नए सिरे से शुरू कर दिए हैं। बताया जाता है कि गुप्ता बंधुओं ने यह पैसा सरकारी विभागों की मिलीभगत से गैरकानूनी सौदों से कमाया और फिर देश से गैर कानूनी ढंग से बाहर भेजा था। एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसेट फोरफीटर यूनिट (एएफयू) ने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता प्राप्त करने का जिक्र किया है। इससे पहले अमेरिकी वित्त विभाग ने गुप्ता बंधुओं अजय, अतुल और राजेश और उनके सहयोगी सलीम एस्सा पर पिछले हफ्ते पाबंदियां लगाई थी।
अफ्रीकी राष्ट्रपति का भी उठाया फायदा
अमेरिकी वित्त विभाग ने कहा कि गुप्ता परिवार एक भ्रष्ट नेटवर्क के सदस्य हैं और उन्होंने सरकारी ठेकों, रिश्वत तथा अन्य भ्रष्ट गतिविधियों के जरिए अधिक भुगतान लिया। उन्होंने उसका इस्तेमाल राजनीतिक भुगतानों के लिए तथा सरकारी गतिविधियों को प्रभावित करने के लिए किया। गुप्ता परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर का रहने वाला है। दक्षिण अफ्रीका में बीते दो दशक में उसने आईटी, मीडिया और खनन उद्योगों के जरिए काफी पैसा कमाया। आरोप है कि कमाई के लिए गुप्ता परिवार ने पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा के एक नजदीकी का भी फायदा उठाया। जुमा खुद भी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे हैं। गुप्ता भाई दुबई भाग चुके हैं और अब कर्जदाताओं को भुगतान के लिए दक्षिण अफ्रीका में उनकी संपत्तियों की नीलामी की जा सकती है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)