सार
तेल अवीव। ईरान ने इजरायल पर करीब 200 मिसाइलें दागी, इससे आसमान जगमगा उठा। कम सैन्य ताकत वाला कोई देश होता तो ऐसे हमले से तबाही मच जाती, लेकिन इजरायल के साथ ऐसा नहीं हुआ। इजरायल सैन्य क्षमता के मामले में दुनिया का अग्रणी देश है। हवाई हमला से बचाव के मामले में तो इसके आयरन डोम सिस्टम का कोई जवाब नहीं है। अपनी इसी क्षमता से इजरायल ईरानी अटैक से खुद को बचा सका। इस काम में उसने आयरन डोम, डेविड स्लिंग और एरो जैसे एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल किया।
जानिए कैसे काम करता है इजरायल का मल्टी लेयर डिफेंस सिस्टम
1991 के खाड़ी युद्ध में इराक ने इजरायल पर स्कड मिसाइलों से अटैक किया था। इसके बाद से इजरायल अपने मल्टी लेयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत कर रहा है। इजरायल के पास आयरन डोम, एरो और डेविड स्लिंग जैसे बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम हैं।
आयरन डोम
आयरन डोम कम दूरी तक काम आने वाला एयर डिफेंस सिस्टम है। इसका मुख्य रूप से इस्तेमाल हमास और हिज्बुल्लाह द्वारा दागे गए रॉकेट को रोकने में होता है। इसे आबादी वाले क्षेत्र के आसपास रॉकेट गिरने से रोकने के लिए लगाया गया है।
आयरन डोम को इजरायली कंपनी राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम ने अमेरिका की मदद से विकसित किया है। यह 2011 से काम कर रहा है। यह रॉकेट, मोर्टार और ड्रोन जैसे कम दूरी के खतरों को रोकता है। रेंज 4 से 7km है। कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका रेंज बढ़ाया गया है।
एरो
इजराइल द्वारा ईरानी मिसाइल खतरे को ध्यान में रखते हुए विकसित की गई लंबी दूरी की एरो-2 और एरो-3 इंटरसेप्टर को वायुमंडल के अंदर और बाहर दोनों ही खतरों से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है। अगर परमाणु हमला करने वाला मिसाइल हो तो उसे वायुमंडल के बाहर ही नष्ट करना ठीक रहता है। इससे जमीन पर रेडियोएक्टिव कचरा फैलने का डर नहीं रहता। इससे बेहद लंबी दूरी तक मार करने वाले ICBM (Intercontinental Ballistic Missiles) को भी रोका जा सकता है।
एरो 3 सिस्टम की रेंज 2400km से अधिक है। यह 160km से अधिक ऊंचाई तक पहुंच सकता है। एरो 3 सिस्टम का मिसाइल दुश्मन के मिसाइल से टकराकर उसे तबाह करता है। वहीं, एरो 2 का मिसाइल दुश्मन के मिसाइल के पास जाकर विस्फोट करता है।
डेविड स्लिंग
डेविड स्लिंग एयर डिफेंस सिस्टम का रेंज 100km-200km है। इसे बैलिस्टिक मिसाइलों को मार गिराने के लिए डिजाइन किया गया है। यह विमान, ड्रोन और क्रूज मिसाइलों को रोक सकता है। इसमें दो स्टेज वाले मिसाइल का इस्तेमाल होता है। मिसाइल में कोई वारहेड नहीं है। यह अपनी ओर आ रही बैलिस्टिक मिसाइलों से टकराकर उसे खत्म करता है।
लेजर आधारित प्रणाली
इजरायल दुश्मन के रॉकेट, मिसाइल, विमान और अन्य हवाई खतरे को नष्ट करने के लिए लेजर आधारित सिस्टम विकसित कर रहा है। मिसाइल की तुलना में यह कम खर्चीला होगा।