पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद उनके जिंदा होने की पुष्टि के लिए बेटों ने सरकार से सबूत मांगे हैं। परिवार को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा। यहां तक कि खैबर पख्तूनख्वा के सीएम भी 8 बार मिलने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं।
Imran khan Dead or Alive: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के जिंदा या मुर्दा होने की अटकलें तेज हो गई हैं। लंबे समय से न तो इमरान खान की बहनों को उनसे मिलने दिया गया है और ना ही खैबर पख्तूनख्वा के सीएम को मिलने की इजाजत दी गई है। इन अटकलों के बीच अब इमरान खान के बेटों ने पाकिस्तान की सरकार से अपने पिता के जिंदा होने के सबूत मांगे हैं। ऐसे में शहबाज शरीफ सरकार मुश्किल में पड़ती दिख रही है।
क्या बोले इमरान खान के बेटे?
इमरान खान के बेटों कासिम और सुलेमान का कहना है कि कोर्ट ने उनके पिता से हर हफ्ते मिलने की इजाजत दे रखी है, बावजूद इसके उन्हें अपने पिता से मिलने नहीं दिया जा रहा है। कासिम खान ने अंदेशा जताते हुए कहा कि उन्हें शंका है कि उनके पिता के साथ कुछ गलत हुआ है, जिसे चाहकर भी ठीक नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि सरकार उन्हें न तो मिलने दे रही है और ना ही कोई ऐसे सबूत दे रही है, जिससे ये बात पक्की हो सके कि उनके पिता जिंदा हैं।
अगस्त, 2023 से ही जेल में बंद हैं इमरान खान
बता दें कि इमरान खान अगस्त 2023 से तोशखाना मामले में जेल में बंद हैं। उनकी फैमिली का कहना है कि कई महीनों से जेल प्रशास उन्हें इमरान खान से मिलने नहीं दे रहा है। उनकी सेहत को लेकर कुछ ऐसी खबरें भी आ रही हैं, जिससे चिंता और बढ़ गई है। इमरान के बेटे कासिम खान ने जेल प्रशासन और पाकिस्तान सरकार पर “साइकोलॉजिकल टॉर्चर” का आरोप लगाया है।
लंदन में मां जेमिमा के साथ रहते हैं इमरान के दोनों बेटे
बता दें कि इमरान खान के दोनों बेटे कासिम और सुलेमान लंदन में अपनी मां जेमिमा गोल्डस्मिथ के साथ रहते हैं। कासिम के मुताबिक, उन्होंने आखिरी बार तीन साल पहले नवंबर 2022 में पिता से मुलाकात की थी। बता दें कि इमरान खान की तीन बहनें पिछले कई दिनों से भाई से मिलने की कोशिश कर चुकी हैं, लेकिन उन्हें भी अब तक नहीं मिलने दिया गया है।
खैबर पख्तूनख्वा के सीएम 8 बार कर चुके मिलने की नाकाम कोशिश
इमरान खान रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं। यहां के सीएम सोहेल अफरीदी 8 बार इमरान खान से मिलने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन उन्हें इजाजत नहीं दी गई। राज्य के मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन भी किया है, जिसके बाद अब शहबाज शरीफ खैबर पख्तूनख्वा में गवर्नर रूल लगाने पर विचार कर रहे हैं।


