सार

पाकिस्तान में एक सार्वजनिक सभा के दौरान, एक युवती ने जाकिर नाइक से धार्मिक पाखंड पर तीखे सवाल पूछे, जिससे नाइक भड़क गए और बहस छिड़ गई। सोशल मीडिया पर यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

Zakir Naik heated debate with Brave girl: भारत के भगोड़े विवादित इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक एक कंट्रोवर्सियल वीडियो सामने आया है। एक पाकिस्तानी युवती के सवालों में फंसे जाकिर नाइक झल्लाते हुए दिख रहे हैं। वह उसके सवालों का जवाब देने की बजाय धार्मिक आड़ में उसे माफी मांगने का दबाव बनाते नजर आ रहे हैं। हालांकि, सैकड़ों की भीड़ के सामने युवती बिना डरे अपने सवालों का जवाब मांगती नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर यह वीडियो काफी शेयर किया जा रहा है।

जाकिर नाइक वर्तमान में भाषण देने के लिए पाकिस्तान में हैं। हाल ही में एक सार्वजनिक संबोधन के दौरान की गई अपनी टिप्पणियों के कारण एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं। नाइक ने शनिवार शाम कराची के बाग जिन्ना में एक बड़ी भीड़ को संबोधित किया। यहां हजारों लोग, जिनमें पुरुष और महिलाएँ भी शामिल थीं, उन्हें सुनने के लिए एकत्र हुए थे।

सवाल जवाब सेशन में युवती के सवालों पर फंसे जाकिर

कराची में भीड़ के संबोधन के दौरान लोगों के सवालों का भी जवाब उन्होंने दिया। लेकिन एक युवती के सवाल ने पूरे पंडाल में सन्नाटा पसरा दिया तो जवाब दे रहे जाकिर नाइक की झल्लाहट साफ नजर आई। लक्की मरवत के रूढ़िवादी शहर की पलवाशा शाहरज़ाद के रूप में पहचानी गई महिला ने अपनी चिंताएं व्यक्त करते हुए बताया कि उसका गृहनगर को सख्त धार्मिक मूल्यों वाला है। पुरुष धार्मिक शिक्षाओं के पालन में अडिग हैं और महिलाएं आम तौर पर अपने घरों तक ही सीमित रहती हैं। इसके बाद पलवाशा शाहरज़ाद ने पूछा कि लेकिन ऐसा क्यों है कि नशीली दवाओं की लत, व्यभिचार, बाल यौन शोषण और सूदखोरी जैसे अवगुण अपनी गहरी जड़ें जमाए हुए हैं। धर्म का पालन करने के बाद भी यह तेजी से पनप रहे हैं।

युवती पलवाशा शाहरज़ादा का सवाल सुनने के बाद जाकिर नाइक की बातों में झल्लाहट साफ नजर आ रही थी। लेकिन वह तर्क से युवती को गलत साबित करने में तुले रहे जबकि युवती अपने सवाल का जवाब जानने की नाकाम कोशिशें करती रही।

 

 

नाइक ने झल्लाते हुए कहा कि इस्लामी समाजों को ऐसी अनैतिकताओं से जोड़ना विरोधाभासी है। आपको अपना बयान वापस लेना चाहिए। सवाल इस गलतफहमी पर आधारित था कि वास्तव में इस्लामी समाज को क्या परिभाषित किया जाता है। नाइक ने सुझाव दिया कि पलवाशा के दृष्टिकोण को बाहरी प्रभावों और मीडिया द्वारा आकार दिया गया हो सकता है जो उनके अनुसार इस्लामी समुदायों की वास्तविकता को विकृत करने वाला प्रचार है। उनके अनुसार, एक वास्तविक इस्लामी समाज उस तरह के व्यवहार को बढ़ावा नहीं देगा जिसका उसने उल्लेख किया है।

हालांकि, इस वीडियो को खूब शेयर करने के साथ इस पर एक नई बहस भी शुरू हो चुकी है। यूजर्स अपने अपने तर्क देकर जवाब दे रहे हैं।

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