अरुणाचल प्रदेश पर पोस्ट करने के बाद भारतीय व्लॉगर को चीन के गुआंगज़ौ एयरपोर्ट पर 15 घंटे हिरासत में रखा गया। बिना खाना, पूछताछ और दूतावास से संपर्क की इजाज़त नहीं—घटना ने कई सवाल खड़े किए।
Indian Vlogger Detained In China: चीन में भारतीय नागरिकों के साथ हो रहे व्यवहार को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। अरुणाचल प्रदेश से जुड़े मुद्दे पर भावनात्मक प्रतिक्रिया देने के बाद एक भारतीय ट्रैवल व्लॉगर को चीन के गुआंगज़ौ एयरपोर्ट पर 15 घंटे तक हिरासत में रखने का दावा किया गया है। व्लॉगर का कहना है कि इस दौरान उससे पूछताछ हुई, सामान की तलाशी ली गई और सबसे गंभीर बात-भारतीय दूतावास से संपर्क की इजाज़त तक नहीं दी गई। यह मामला ऐसे समय सामने आया है, जब कुछ हफ्ते पहले ही अरुणाचल प्रदेश की एक महिला ने भी चीन में हिरासत और पासपोर्ट को अमान्य बताए जाने का आरोप लगाया था।
कौन हैं यह भारतीय व्लॉगर और क्यों रोका गया?
इस भारतीय यूट्यूबर की पहचान “On Road Indian” के नाम से होती है। व्लॉगर ने एक यूट्यूब वीडियो में दावा किया कि वह 16 नवंबर को अपने एक दोस्त से मिलने गुआंगज़ौ एयरपोर्ट पहुंचा था। इमिग्रेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद, जब उसके पासपोर्ट पर मुहर लगने ही वाली थी, तभी उसे अचानक रोक लिया गया। व्लॉगर का कहना है कि उसने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश से जुड़े एक वीडियो में अपनी भावनाएं ज़ाहिर की थीं। वह पूर्वोत्तर भारत में तीन साल पढ़ चुका है और उस इलाके से गहरा जुड़ाव महसूस करता है।
इमिग्रेशन के बाद क्या बदला माहौल?
व्लॉगर के मुताबिक, एक वरिष्ठ अधिकारी को बुलाया गया और बिना किसी ठोस वजह के उसे एक अलग हिरासत क्षेत्र में ले जाया गया। वहां उसने कुछ अन्य विदेशी नागरिकों को भी देखा, जिससे उसकी चिंता और बढ़ गई। करीब दो घंटे बाद दो अधिकारियों ने उससे पूछताछ शुरू की। शुरुआत में बातचीत सामान्य रही, लेकिन बाद में उसके कैमरा, मोबाइल फोन और निजी सामान की तलाशी ली गई और डिवाइस जब्त कर लिए गए।
15 या 28 घंटे बिना खाना-क्या है सच्चाई?
व्लॉगर का दावा है कि उसे हिरासत के दौरान 15 घंटे तक खाना नहीं दिया गया, जबकि एक जगह वह यह भी कहता है कि कुल मिलाकर उसे 28 घंटे से ज़्यादा समय तक भोजन नहीं मिला। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि उसे भारतीय दूतावास से संपर्क करने की अनुमति भी नहीं दी गई।
क्या यह सिर्फ एक घटना है या पैटर्न?
यह मामला अकेला नहीं लगता। इससे पहले पेम वांग थोंगडोक, अरुणाचल प्रदेश की रहने वाली एक महिला को शंघाई एयरपोर्ट पर 18 घंटे से अधिक हिरासत में रखा गया था। उस समय चीनी अधिकारियों ने उनके भारतीय पासपोर्ट को जन्मस्थान के आधार पर अमान्य बताया था।
व्लॉगर की अपील और संदेश
रिहा होने के बाद व्लॉगर भारत लौट आया और उसने कहा कि वह यह वीडियो किसी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी बात रखने के लिए साझा कर रहा है। उसने भारतीय और चीनी दूतावासों से इस मुद्दे को समझने और भविष्य में ऐसे मामलों से निपटने की अपील की। यह घटना सिर्फ एक व्लॉगर की नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की आज़ादी, यात्रियों की सुरक्षा और भारत-चीन संबंधों से जुड़े गंभीर सवालों को जन्म देती है—जिनके जवाब अभी बाकी हैं।


