सार

ईरान ने अमेरिका को संदेश भेजा है कि उसने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोई योजना नहीं बनाई है। यह खबर ट्रंप की हत्या की साजिश की खबरों और अमेरिका की चेतावनी के बाद आई है। ईरान का कहना है कि वो कानूनी तरीके से सुलेमानी की मौत का बदला लेगा।

वर्ल्ड डेस्क। पिछले दिनों नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश में ईरान के हाथ होने की खबर सामने आई थी। ईरान ने अमेरिका को संदेश भेजा है कि उसने डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की कोई योजना नहीं बनाई है। यह घटनाक्रम बाइडेन प्रशासन द्वारा सितंबर में ईरान को चेतावनी दिए जाने के बाद हुआ है। अमेरिका ने कहा था कि ट्रंप की हत्या के किसी भी प्रयास को "युद्ध की कार्रवाई" माना जाएगा।

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार अक्टूबर में एक मध्यस्थ के जरिए ईरान ने संदेश भेजा था। इसका उद्देश्य वाशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव कम करना था। यह अमेरिका की ओर से एक सख्त चेतावनी के बाद आया था। 2020 में मेजर जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या के लिए ईरान ने बदला लेने की बात की थी। तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सुलेमानी की हत्या के लिए आदेश दिया था।

डोनाल्ड ट्रंप पर है ईरान के खिलाफ सख्त रुख रखने का दबाव 

अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जीत मिली। अमेरिका के सहयोगी देश ट्रंप पर ईरान के खिलाफ सख्त रूख बनाए रखने का दबाव डाल रहे हैं। इस बीच ईरानी अधिकारियों, विश्लेषकों और मीडिया आउटलेट्स ने अमेरिका के साथ समझौतापूर्ण दृष्टिकोण रखने की वकालत की है।

सुलेमानी की मौत का बदला लेना चाहता है ईरान

ट्रंप की हत्या की साजिश में ईरान के हाथ होने की बात सामने आई तो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि ईरान ऐसा सुलेमानी की मौत का बदला लेने के लिए कर रहा है। ईरान ने कहा है कि जनरल सुलेमानी की हत्या आपराधिक कृत्य था। हालांकि, उसका ट्रंप को मारने का इरादा नहीं था। ईरान अंतरराष्ट्रीय कानूनी चैनलों के माध्यम से सुलेमानी की मौत के लिए न्याय की मांग करेगा।

अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि यह संदेश किसी विशिष्ट ईरानी अधिकारी की ओर से नहीं था। ईरानी अधिकारी और विश्लेषक ने खुलासा किया कि यह वास्तव में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई की ओर से था। संयुक्त राष्ट्र में ईरान के मिशन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन एक बयान जारी कर सुलेमानी की हत्या को "कानूनी और न्यायिक तरीकों से" संबोधित करने के लिए तेहरान की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।