सार

किशिदा सरकार के प्रवक्ता और पीएम के खासमखास हिरोकाजु मात्सुनो सहित कई मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं।

Fumio Kishida reshuffling his cabinet: जापान में फुमियो किशिदा सरकार में काफी फेरबदल होने जा रहा है। पीएम फुमियो किशिदा अपने कई करीबी मंत्रियों को हटाने के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल कर रहे हैं। दरअसल, किशिदा सरकार के प्रवक्ता और पीएम के खासमखास हिरोकाजु मात्सुनो सहित कई मंत्री भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे हुए हैं। अपने मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद किशिदा, मंत्रिमंडल में बदलाव कर रहे हैं। इस फेरबदल की प्रक्रिया में इस्तीफा लेने का दौर शुरू हो चुका है।

कई मंत्री दे चुके हैं इस्तीफा

जापान में पीएम फुमियो किशिदा की सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े कई मंत्रियों के इस्तीफा लिए जा रहे हैं। इन मंत्रियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। इस्तीफा के बाद पीएम किशिदा मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे। गुरुवार को अर्थव्यवस्था और उद्योग मंत्री यासुतोशी निशिमुरा ने इस्तीफा दिया, उसके बाद कैबिनेट चीफ सेक्रेटरी मात्सुनो ने इस्तीफा दिया। मात्सुनो, पीएम किशिदा के खास सहयोगी और सरकार के प्रवक्ता रहे हैं। इसके अलावा आतंरिक मामलों के मंत्री जुंजी सुजुकी और कृषि मंत्री इचिरो मियाशिता ने अपने इस्तीफा का अनाउंसमेंट किया। जापान की मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पांच और उप मंत्रियों के इस्तीफे होने वाले हैं।

राजनीति में विश्वास पर आंच आई तो दिया इस्तीफा: मात्सुनो

अपना इस्तीफा सौंपने के बाद मात्सुनो ने कहा कि राजनैतिक फंड को लेकर तमाम आरोप लगे हैं। इन आरोपों ने राजनैतिक विश्वास को हिला कर रख दिया है। यह आरोप मेरे अपने राजनैतिक फंड को लेकर है इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए मैं अपना इस्तीफा दे दिया हूं।

मात्सुनो की जगह हयासी होंगे नए मंत्री

मात्सुनो के इस्तीफा के बाद पूर्व मंत्री योशिमासा हयासी को पदभार दिया जाएगा। योशिमासा हयासी, सितंबर 2023 तक देश के विदेश मंत्री रहे हैं।

शिंजो आबे गुट के हैं सभी मंत्री

इस्तीफा देने वाले सभी मंत्री, जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे गुट के हैं। सत्तारूढ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के सबसे ताकतवर गुट आबे गुट के इन मंत्रियों पर आपराधिक जांच हो रही है। जापानी अथॉरिटी की मानें तो पार्टी फंड को मिले 500 मिलियन येन मिसिंग है। यह पार्टी के अकाउंट से गायब है जिसे क्राउड फंडिंग से अर्न किया गया था।

यह भी पढ़ें:

WHO सड़क सुरक्षा रिपोर्ट: एक्सिडेंट में मौतों की संख्या में 5% कमी, जानें भारत में क्या हैं हालात