सार

एलईजे ने रविवार को घोषणा की कि वह पिछले हफ्ते स्वीडन में कुरान जलाने की घटना के प्रतिशोध में पाकिस्तान में ईसाइयों और चर्चों पर हमला करेगा।

Terror Group threat to attack Churches: पाकिस्तान के एक आतंकवादी संगठन ने ईसाईयों व उनके गिरजाघरों को निशाना बनाने की धमकी दी है। स्वीडन में कुरान जलाने की घटना के बाद आतंकी संगठन ने यह धमकी दी है। लाहौर स्थित सुन्नी आतंकवादी समूह लश्कर-ए-झांगवी (एलईजे) ने रविवार को घोषणा की कि वह पिछले हफ्ते स्वीडन में कुरान जलाने की घटना के प्रतिशोध में पाकिस्तान में ईसाइयों और चर्चों पर हमला करेगा।

LeJ ने कहा कि वह पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सदस्यों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले भी शुरू करेगा। वह ईद पर स्वीडन में हुई कुरान घटना का बदला लेने के लिए ईसाई समुदाय पर हमला करने के लिए क्षेत्र में समान विचारधारा वाले आतंकवादी समूहों के साथ काम करेगा।

एलईजे के प्रवक्ता नसीर रायसानी ने धमकी दी कि पाकिस्तान में कोई भी चर्च या ईसाई सुरक्षित नहीं रहेगा। स्वीडन की घटना को एक-एक ईसाईयों से बदला लिया जाएगा। इस अपमान की कोई माफी नहीं मिलेगी।

हालांकि, पाकिस्तानी सरकार या उसकी एजेंसियों की ओर से अभी तक इस मसले पर कोई बयान नहीं आया है जिसमें आतंकवादी संगठन ने ईसाई समुदाय को धमकी भरी टिप्पणी की है।

सुन्नी मुसलमानों का आतंकी संगठन शियाओं के खिलाफ करता है काम

लश्कर-ए-झांगवी नामक आतंकी संगठन का गठन 1990 के दशक में किया गया था। इस टेरर ग्रुप को पाकिस्तान में शिया मुसलमानों के खिलाफ अपने क्रूर अभियान के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है। इसने न केवल मस्जिदों और शिया जुलूसों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर हिंसक हमले किए, बल्कि प्रमुख शिया हस्तियों की टारगेटेड हत्याएं भी कीं। अल-कायदा द्वारा 9/11 के हमलों के बाद अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को एक सहयोगी के रूप में आतंक के खिलाफ युद्ध शुरू करने के बाद यह फिर से प्रमुखता में आया। आतंक के खिलाफ युद्ध में शामिल होने के लिए पाकिस्तान को दंडित करने के लिए एलईजे ने पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवादियों का समर्थन करना शुरू कर दिया। अफ-पाक क्षेत्र में 20 साल पुराने प्रवाह में, एलईजे ने क्षेत्र में सक्रिय लगभग सभी अन्य आतंकवादी समूहों के साथ अपना नेटवर्क बनाया।

पश्चिमी डिप्लोमेट्स को भी बना चुका है निशाना, अहमदी मुसलमानों ने डर में गुजारी ईद की रात

एलईजे ने अफगानिस्तान में अमेरिका और नाटो के हमले को लेकर न केवल ईसाई समुदाय बल्कि पाकिस्तान में पश्चिमी डिप्लोमेट्स को भी निशाना बनाया है। पाकिस्तान में व्यवस्थित रूप से भेदभाव का शिकार होने वाले ईसाइयों के लिए एलईजे की धमकी, सताए गए अहमदी मुस्लिम समुदाय पर ईद के हमलों के बाद आई है।

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