Marco Rubio On Tariff: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर लगाए गए भारी शुल्क को ठीक करना चाहता है। वर्तमान में भारत पर कुल 50 प्रतिशत शुल्क लगाया गया है।
Marco Rubio On Tariff: अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत पर रूस से तेल खरीद को लेकर लगाए गए 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ को लेकर बड़ा बयान दिया है। रुबियो ने संकेत दिया कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन इस टैरिफ को "सुलझाने" या कम करने के लिए तैयार हो सकता है। एनबीसी टुडे को दिए इंटरव्यू में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि यूरोप को रूस के खिलाफ और सख्त कदम उठाने चाहिए। उन्होंने बताया कि जो यूरोपीय देश अमेरिका पर दबाव डाल रहे हैं, वे खुद बड़ी मात्रा में तेल और गैस खरीद रहे हैं। रुबियो ने इसे अजीब बताया और कहा कि अगर वे सच में रूस को रोकना चाहते हैं, तो उन्हें भी कुछ त्याग करना होगा।
भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को खत्म कराने का किया दावा
रुबियो ने यह भी दावा किया कि ट्रंप ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष को खत्म कराया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप हमेशा दिखा चुके हैं कि वे संघर्षों को सुलझाने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने कहा कि थाईलैंड और कंबोडिया से लेकर भारत-पाकिस्तान तक, ट्रंप ही ऐसे वैश्विक नेता रहे हैं जिन्होंने सुलह कराई है। हालांकि, भारत की तरफ से कई बार कहा जा चुका है कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्षविराम दोनों देशों की डीजीएमओ स्तर की बातचीत से तय हुआ था।
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विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मुलाकात
सोमवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की मुलाकात हुई। यह दोनों नेताओं की पहली सीधी भेंट थी। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब भारत और अमेरिका के बीच पिछले कुछ महीनों से व्यापार, टैरिफ और ऊर्जा खरीद को लेकर तनाव बना हुआ था।
ट्रंप प्रशासन इस युद्ध को खत्म करने के हर संभव प्रयास किया
बातचीत करीब एक घंटे तक चली और इसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई। रुबियो ने कहा कि ट्रंप प्रशासन इस युद्ध को खत्म करने के हर संभव प्रयास कर रहा है और राष्ट्रपति ट्रंप इसे सफल बनाने के लिए हर मौका देंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर और कड़े प्रतिबंध भी लगाए जा सकते हैं। रुबियो ने बताया कि अमेरिका की रणनीति केवल युद्ध रोकने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मकसद वैश्विक स्थिरता को भी सुनिश्चित करना है।
