Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि चीन और भारत तेल खरीदकर रूस को यूक्रेन में जंग लड़ने के लिए पैसे दे रहे हैं। उन्होंने और अधिक सख्त टैरिफ लगाने की चेतावनी दी है।
Donald Trump UN speech: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने भारत और चीन पर आरोप लगाया कि ये देश तेल खरीदकर रूस को यूक्रेन में जंग लड़ने के लिए पैसे दे रहे हैं। ट्रंप ने दावा किया कि रूसी तेल और गैस की उनकी निरंतर खरीद से मास्को को मदद मिल रही है। उन्होंने कहा,
चीन और भारत रूसी तेल खरीद जारी रखे हुए हैं। वे यूक्रेन युद्ध के प्राथमिक वित्तपोषक हैं।
दरअसल, भारत ने बार-बार कहा है कि रूस के साथ उसका तेल व्यापार किसी भी अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं करता। यूरोपीय संघ और अमेरिका अभी भी अरबों डॉलर के रूसी सामान खरीदते हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा। ट्रंप ने कहा, “यूक्रेन में रूस का युद्ध रूस को अच्छा नहीं दिखा रहा है। वैश्विक शक्तियों को मास्को को लड़ाई जारी रखने के लिए संसाधन नहीं देने चाहिए।”
रूस से तेल-गैस खरीदने के चलते यूरोप से नाराज ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस से तेल-गैस खरीद में कटौती न करने के लिए यूरोप और नाटो सहयोगियों की भी आलोचना की। चेतावनी दी कि अगर यूरोप ने कड़े कदम नहीं उठाए तो अमेरिका अकेले कार्रवाई करेगा। ट्रंप ने कहा,
यदि रूस युद्ध समाप्त करने के लिए कोई समझौता करने को तैयार नहीं होता है तो अमेरिका शक्तिशाली टैरिफ का एक बहुत मजबूत दौर लागू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इन टैरिफों को प्रभावी बनाने के लिए यूरोपीय देशों को भी हमारे साथ मिलकर वही उपाय अपनाने होंगे। उन्हें रूस से सभी ऊर्जा खरीद को तत्काल बंद करना होगा।
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रूसी तेल खरीदने के चलते भारत से नाराज हैं ट्रंप
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने पहले भी कई बार रूस से कच्चा तेल खरीदने के चलते भारत के खिलाफ नाराजगी जताई है। रूस से तेल खरीद के मामले में चीन पहले नंबर और भारत दूसरे नंबर पर है। ट्रंप ने भारत पर रूसी तेल खरीद के चलते 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। भारत से आयात होने वाले सामानों पर कुल अमेरिकी टैरिफ 50% है।
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