पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफ़ग़ानों को वतन लौटने की चेतावनी दी और भारत पर काबुल के साथ साजिश का आरोप लगाया। अफ़ग़ान सीमा पर फिर बढ़ा तनाव, जबकि दोहा वार्ता से शांति की उम्मीद थी। क्या भारत-काबुल गठजोड़ की नई पटकथा लिखी जा रही है?

इस्लामाबाद: पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के बीच एक बार फिर से तनाव बढ़ गया है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को ऐसा बयान दे दिया जिसने पूरे दक्षिण एशिया में हलचल मचा दी। उन्होंने न सिर्फ़ अफ़ग़ानों को अपने देश लौटने की चेतावनी दी बल्कि भारत पर भी अफ़ग़ानिस्तान के ज़रिए पाकिस्तान के खिलाफ साज़िश रचने का आरोप लगाया।

आसिफ ने साफ कहा “अब कोई शांति वार्ता या विरोध पत्र नहीं होगा, आतंकवाद का जवाब अब कार्रवाई से दिया जाएगा।” उनका ये बयान उस वक्त आया जब 48 घंटे के युद्धविराम की समय सीमा खत्म हो रही थी, और दोनों देशों के प्रतिनिधि दोहा (कतर) में शांति वार्ता की तैयारी में थे।

क्या पाकिस्तान ने अफ़ग़ानों से नाता तोड़ दिया?

ख्वाजा आसिफ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा कि पाकिस्तान अब काबुल से “पहले जैसे रिश्ते” नहीं रख सकता। उन्होंने कहा- “काबुल के शासक अब भारत की गोद में बैठे हैं और पाकिस्तान के खिलाफ साज़िश रच रहे हैं।” आसिफ के मुताबिक, जो लोग कभी पाकिस्तान की सुरक्षा में थे, वही अब उसकी पीठ में छुरा घोंप रहे हैं। उन्होंने सभी अफ़ग़ान शरणार्थियों से कहा कि वे पाकिस्तान छोड़कर अपने वतन लौट जाएं- “अब काबुल में उनकी अपनी सरकार या ख़िलाफ़त है, उन्हें पड़ोसी की तरह रहना होगा, मेहमान की तरह नहीं।”

क्या भारत बन गया है पाकिस्तान-काबुल विवाद का नया किरदार?

ख्वाजा आसिफ ने अपने बयान में कहा कि काबुल अब “भारत का छद्म” बन गया है और नई दिल्ली तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे प्रतिबंधित संगठनों के साथ मिलकर पाकिस्तान को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है। यह बयान ऐसे समय आया जब अफ़ग़ान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी की भारत यात्रा सुर्खियों में थी। पाकिस्तान का मानना है कि यह यात्रा सिर्फ़ व्यापार नहीं, बल्कि भारत-अफ़ग़ान नज़दीकियों का संकेत है।

क्या सीमा पर फिर भड़क सकता है संघर्ष?

अफ़ग़ानिस्तान ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने हाल ही में अफ़ग़ान क्षेत्र में हवाई हमले किए, जिसमें कम से कम 8 लोग मारे गए। इनमें तीन अफ़ग़ान क्रिकेट खिलाड़ी भी शामिल बताए गए हैं। इसके बाद अफ़ग़ानिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने त्रिकोणीय टी20 सीरीज़ से हटने का एलान कर दिया। पाकिस्तान ने इन आरोपों को सही ठहराते हुए कहा कि ये हमले TTP के हाफ़िज़ गुल बहादुर समूह पर किए गए थे, जो उत्तरी वज़ीरिस्तान में हुए आत्मघाती हमले के पीछे था।

क्या दोहा वार्ता अब बेअसर हो गई है?

दोनों देशों के बीच यह तनाव तब बढ़ा है जब एक सप्ताह से चल रहे खूनी संघर्ष को रोकने के लिए 48 घंटे का युद्धविराम हुआ था। अब देखना यह है कि क्या दोहा में होने वाली वार्ता इस बढ़ते विवाद को रोक पाएगी, या फिर पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के रिश्ते नई टकराव भरी दिशा में बढ़ चुके हैं?